हमीरपुर में अनुराग ठाकुर ने की भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में जनसभा, कांग्रेस पर साधा निशाना
हमीरपुर: हमीरपुर में उपचुनाव के लिए जारी प्रचार के दौरान भाजपा और कांग्रेस आए दिन एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं। रविवार को भाजपा प्रत्याशी आशीष शर्मा के पक्ष में हमीरपुर के सांसद अनुराग सिंह ठाकुर ने करीब डेढ़ दर्जन नुक्कड़ सभाओं में हिस्सा लिया और जनसभा को संबोधित किया। सांसद अनुराग ठाकुर ने लोगों से भाजपा प्रत्याशी आशीष शर्मा के लिए वोट की अपील की है।
जनसभा को संबोधित करते हुए अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा कि जब भी हिमाचल प्रदेश में भाजपा की सरकार रही है, तो हिमाचल में विकास के नए आयाम स्थापित किए गए हैं, लेकिन प्रदेश की कांग्रेस सरकार लगातार कर्ज पर कर्ज ले रही है और विकास कार्य नहीं हो रहे हैं। हिमाचल प्रदेश पर 95 हजार करोड़ रुपये का कर्ज हो चुका है और अगर अगले साढ़े तीन साल तक कांग्रेस सरकार चलती है, तो प्रदेश पर कम से कम डेढ़ लाख करोड़ रुपये का कर्ज हो जाएगा। हिमाचल की कांग्रेस सरकार प्रदेश पर कर्ज चढ़ा रही है और मित्रों को ऐश करवा रही है।
अनुराग सिंह ठाकुर ने आगे कहा कि संविधान को खत्म करने का काम कांग्रेस ने किया है। संविधान को तार तार कर इमरजेंसी लगाने का कार्य इंदिरा गांधी ने किया। कांग्रेस ने लगभग 96 बार सरकारों को गिराने का कार्य किया है। कांग्रेस ने संविधान की धारा 356 का दुरुपयोग किया है। शांता कुमार की सरकार को भी कांग्रेस ने गिराने का कार्य किया है। कांग्रेस लगातार मंचों पर बयानबाजी कर रही है कि जो विधायक भाजपा में शामिल हुए, वे 15 -15 करोड़ में बिके हैं। इसकी सच्चाई जनता के सामने कांग्रेस पेश करें। बिना मतलब की बयानबाजी कर जनता को गुमराह न करें। कांग्रेस मुद्दों को लेकर बात नहीं कर रही है। 18 महीने में प्रदेश में क्या कार्य किया, इसे जनता के बीच में नहीं बता पा रही है। सरकार को विकास के मुद्दों पर बात करनी चाहिए।
वही हमीरपुर से भाजपा प्रत्याशी आशीष शर्मा ने कांग्रेस प्रत्याशी पुष्पेंद्र वर्मा पर जमकर निशाना साधा और कहा कि डॉक्टर पुष्पेंद्र वर्मा को जनता की सेवा ही करनी थी, तो वह राजनीति में क्यों आए? वह चिकित्सा के पेशेे से भी सेवा कर सकते थे। कांग्रेस प्रत्याशी के पिता भी पहले राजनीति में थे और कांग्रेस की सरकार में उद्योग मंत्री रहे। वे यह क्यों नहीं बताते हैं कि उनके पिता ने क्या-क्या कार्य किए? ये वही लोग हैं, जिन्होंने शांता कुमार की सरकार को 29 विधायकों के साथ गिराया था।