केजरीवाल के इस्तीफे पर अन्ना हजारे बोले- 'राजनीति में जाने के लिए मैंने मना किया था'
नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कार्यकर्ताओं के बीच बड़ा ऐलान किया। रविवार को कहा कि वो दो दिन बाद सीएम पद से इस्तीफा दे देंगे। इस पर सियासी दलों ने तो अपनी राय जाहिर की ही है समाज सेवी अन्ना हजारे ने भी प्रतिक्रिया दी है।
सीएम केजरीवाल के इस फैसले को लेकर समाजसेवी अन्ना हजारे ने कहा कि, मैंने पहले ही अरविंद केजरीवाल को बताया था कि राजनीति में नहीं जाना, समाज की सेवा करना। इसी से तुम बड़े आदमी बन जाओगे। कई साल हम लोग साथ में रहे, उस वक्त मैं बार-बार कह रहा था कि राजनीति में नहीं जाना। समाज सेवा अपने जीवन में आनंद देती है। मैं आनंद में डूबे रहने वाला व्यक्ति हूं। आज जो होना था वो हो गया। उनके दिल में क्या है, मैं क्या जानता हूं।
कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता उदित राज ने सीएम केजरीवाल की मंशा पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा, इस पर कांग्रेस पार्टी जवाब तो नहीं देगी, उनकी पार्टी का यह आंतरिक मामला है कि वो इस्तीफा देंगे कि मुख्यमंत्री बने रहेंगे। मेरा मानना है कि इस कदम के पीछे सहानुभूति के आधार पर वोट लेना है। उनकी अपनी रणनीति है कि वो क्यों इस्तीफा दे रहे हैं। इस्तीफा देना था, तो जब जेल जा रहे थे, उसी समय दे देना चाहिए था। अब इस समय इस्तीफे की पेशकश कर रहे हैं तो जरूर कोई बात होगी।
दिल्ली से भाजपा सांसद योगेंद्र चांदोलिया ने कहा कि, केजरीवाल ने इस्तीफा सुप्रीम कोर्ट के दबाव में देने का फैसला किया है। सुप्रीम कोर्ट ने जो शर्त लगाई है, उसने केजरीवाल के हाथ पांव सारे बांध दिए गए हैं। अब वह सुनीता केजरीवाल को मुख्यमंत्री बनाएंगे और खुद शीश महल का आनंद लेंगे। दिल्ली की जनता केजरीवाल के नाटक को जान चुकी है।
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने (रविवार, 15 सितंबर) पार्टी नेताओं को संबोधित करते हुए कहा था, "मैं जब जेल में था तो भाजपा वालों ने पूछा कि केजरीवाल ने अपने पद से इस्तीफा क्यों नहीं दिया। मैं आपसे पूछने आया हूं कि आप केजरीवाल को ईमानदार मानते हो कि गुनहगार मानते हो? दो दिन के बाद मैं सीएम पद से इस्तीफा देने जा रहा हूं। मैं तब तक सीएम की कुर्सी पर नहीं बैठूंगा, जब तक जनता अपना फैसला न सुना दे। आप अपना फैसला सुनाओगे, तब मैं उस कुर्सी पर बैठूंगा।"