एक्सरसाइज 'मालाबार' के लिए भारत में जुटी अमेरिकी, ऑस्ट्रेलियाई व जापानी नौसेनाएं
नई दिल्ली: भारतीय नौसैनिक जहाज 'सतपुड़ा' पर बुधवार को बहुराष्ट्रीय समुद्री अभ्यास 'मालाबार 2024' का उद्घाटन समारोह आयोजित किया गया। भारतीय नौसेना के मुताबिक अभ्यास 'मालाबार 2024' हार्बर और समुद्र दोनों स्तर पर दो अलग-अलग चरणों में आयोजित किया जा रहा है।
'मालाबार 2024' में लाइव हथियार फायरिंग, जटिल सतह, हवा-रोधी और पनडुब्बी-रोधी युद्ध सैनिक अभ्यास के साथ-साथ संयुक्त युद्धाभ्यास देखा जाएगा। यह अभ्यास विशाखापत्तनम में पूर्वी नौसेना कमान के तत्वावधान में हो रहा है। इस महत्वपूर्ण नौसैनिक समुद्री अभ्यास में भारत के साथ अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों की नौसेनाएं शामिल हैं।
नौसेना ने बुधवार को जानकारी देते हुए बताया कि हाई-टेम्पो कार्यक्रम में लंबी दूरी के समुद्री गश्ती विमान, जेट विमान, अभिन्न हेलीकॉप्टर और पनडुब्बी संपत्तियों के साथ-साथ विध्वंसक, फ्रिगेट, कार्वेट और बेड़े समर्थित जहाजों की भागीदारी देखी जाएगी।
यह अभ्यास, साझा उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण तालमेल स्थापित करने में विशेष रूप से मददगार होगा। यह अभ्यास, संयुक्त रूप से प्रशिक्षण और संचालन करने की क्षमता को और बढ़ाने के लिए समान विचारधारा वाले देशों को एक साथ लाता है।
यह अभ्यास, समुद्री क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास (एसएजीएआर) के दृष्टिकोण के अनुरूप है। भारत सरकार की इस विचारधारा के अंतर्गत यह समान विचारधारा वाले देशों के साथ भारत की बढ़ती भागीदारी को भी दर्शाता है। बहुराष्ट्रीय समुद्री अभ्यास 'मालाबार' का 28 वां संस्करण 8 अक्टूबर को शुरू हुआ था। यह अभ्यास 18 अक्टूबर तक चलेगा।
मालाबार को 1992 में भारत और अमेरिका के बीच एक द्विपक्षीय अभ्यास के रूप में शुरू किया गया था। समय के साथ इसने एक महत्वपूर्ण समुद्री जुड़ाव के रूप में काफी लोकप्रियता हासिल की। नौसेना के मालाबार अभ्यास में अमेरिका के बाद जापान और ऑस्ट्रेलिया भी शामिल हो गए। भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया की नौसेनाओं के कमांडरों ने आम समुद्री चुनौतियों के समाधान पर चर्चा की।
इसके अलावा यहां इस अभ्यास के दौरान आपसी समझ, सहयोग और जुड़ाव बढ़ाने में 'मालाबार' के महत्व को स्वीकार किया गया। भारत की ओर से पूर्वी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, वाइस एडमिरल राजेश पेंढारकर अभ्यास के दौरान मौजूद रहे। ऑस्ट्रेलिया, भारत, जापान और संयुक्त राज्य अमेरिका के समुद्री जहाज, विमान, विशेष बलों के चालक दल और योजना कर्मचारी भी बुधवार को उपस्थित थे।