हिमाचल की देव संस्कृति के लिए नशा काफी घातक, पंचायत स्तर पर शुरू किया जाएगा अभियान : शिव प्रताप शुक्ल
शिमला: हिमाचल प्रदेश में युवा बड़े पैमाने पर नशे की लत का शिकार बन रहे हैं। नशे पर लगाम लगाने के लिए सरकार और प्रशासन के स्तर पर तमाम तरह के अभियान चलाए जा रहे हैं।
राज्य में नशे की अधिक मात्रा के कारण युवाओं की मौत की खबरें पिछले कुछ वर्षों में काफी बढ़ गई हैं, जिसको लेकर हिमाचल सरकार बेहद गंभीर है।
हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि राज्य के लिए नशा घातक सिद्ध हो सकता है और इसके लिए पंचायत स्तर पर लोगों को जागरूक होना पड़ेगा। इसके खिलाफ सामूहिक तौर पर सबको आवाज उठानी पड़ेगी।
उन्होंने बताया कि शिमला स्थित राजभवन में आगामी 6 नवंबर को पंचायती राज विभाग और पंचायती राज मंत्री के साथ मिलकर इस पर चर्चा की जाएगी। हिमाचल प्रदेश को नशा मुक्त करना हमारी प्राथमिकता है। इसके लिए पंचायत स्तर पर नशे के खिलाफ अभियान शुरू किया जाएगा जिससे नशे को हिमाचल प्रदेश से पूरी तरह से खत्म किया जा सके।
राज्यपाल ने कहा कि पुलिस के स्तर पर नशे को खत्म करना काफी मुश्किल है। यह नशा ग्रामीण क्षेत्रों में भी अब अपनी जड़ें जमा चुका है। आज युवतियां भी नशे का शिकार हो रही हैं। हिमाचल की संस्कृति के लिए नशा आने वाले समय में घातक सिद्ध होगा। इसके लिए हमें जन जागरूकता के साथ सामूहिक तौर पर आगे बढ़ना होगा। पंचायत स्तर पर जागरूकता लानी होगी और ग्रामीण लोगों को भी जागरूक करना होगा, ताकि हिमाचल को नशा मुक्त किया जा सके।
उन्होंने आगे कहा कि हिमाचल की देव संस्कृति अपने-आप में अनूठी है और यहां की देव संस्कृति को जानने के लिए भी विदेश से लोग यहां आते हैं। ऐसे में इसका संरक्षण और संवर्धन हम सबकी जिम्मेदारी है।