दिल्ली चुनाव में आप की हार, सनातन और राष्ट्र की जीत : आचार्य प्रमोद कृष्णम

Update: 2025-02-10 02:59 GMT
कुरुक्षेत्र: संभल के कल्कि धाम के पीठाधीश्‍वर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कुरुक्षेत्र में आयोजित चतुर्वेद पारायण महायज्ञ के समापन समारोह में शिरकत क‍िया। इस दौरान उन्होंने दिल्ली चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) की हार को लेकर कहा कि परिवर्तन संसार का नियम है। जो कल था, वह आज नहीं है और जो आज है, वह कल नहीं रहेगा। लेकिन अरविंद केजरीवाल की इतनी बुरी हार होगी, इसका अंदाजा नहीं था।
उन्होंने कहा कि इसका मुख्य कारण यह है कि केजरीवाल सनातन विरोधियों के साथ जुड़ गए थे और यही उनके पतन का कारण बना।
आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा, “यह सिर्फ एक चुनावी हार नहीं, बल्कि सनातन और राष्ट्र की जीत है। नरेंद्र मोदी अब राष्ट्र और सनातन के प्रतीक बन चुके हैं और पूरा देश उन्हें प्यार करता है। यह किसी एक पार्टी की जीत नहीं, बल्कि नरेंद्र मोदी की जीत है।”
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के नेतृत्व में पार्टी लगातार कमजोर होती जा रही है। उन्होंने कहा, “कांग्रेस की सबसे बड़ी समस्या खुद राहुल गांधी हैं। जब तक राहुल गांधी हैं, कांग्रेस को वापस नहीं लाया जा सकता और राहुल गांधी को कांग्रेस से हटाया नहीं जा सकता। दोनों एक-दूसरे के पूरक बन चुके हैं और यही कांग्रेस की बर्बादी का कारण है।”
उन्होंने आगे कहा कि राहुल गांधी की टीम अनुभवहीन लोगों से भरी हुई है, जो सनातन विरोधी विचारधारा रखते हैं। ऐसे लोग भारतीय राजनीति में कभी प्रासंगिक नहीं रह सकते। कांग्रेस के भविष्य पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि अगर प्रियंका गांधी नेतृत्व में आती हैं, तो कांग्रेस के लिए थोड़ी संभावनाएं बन सकती हैं, लेकिन मौजूदा स्थिति में पार्टी का पुनरुद्धार मुश्किल है। बता दें कि भाजपा ने दिल्ली में 27 साल बाद स्पष्ट बहुमत हासिल किया है। दिल्ली विधानसभा की 70 सीटों में से उन्होंने 48 सीटें जीती हैं, जबकि आम आदमी पार्टी को 22 सीटें मिली हैं। कांग्रेस का खाता नहीं खुला है। इससे पहले भाजपा ने 1993 में 49 सीट जीतकर दो तिहाई बहुमत हासिल किया था, जिसके बाद मदन लाल खुराना, साहिब सिंह वर्मा और सुषमा स्वराज मुख्यमंत्री बनीं। 1998 के बाद, कांग्रेस ने 15 साल तक शासन किया और 2013 से आम आदमी पार्टी ने सरकार बनाई थी। इस चुनाव में भाजपा ने 71 फीसदी स्ट्राइक रेट के साथ 40 सीटें जोड़ी हैं। पार्टी ने 68 सीटों पर चुनाव लड़ा था। दूसरी तरफ, आम आदमी पार्टी को 40 सीटों का नुकसान हुआ, और उनका स्ट्राइक रेट 31 फीसदी रहा।
भाजपा ने पिछले चुनाव (2020) के मुकाबले अपने वोट शेयर में 9 फीसदी से अधिक की वृद्धि की है, जबकि आप का वोट शेयर लगभग 10 फीसदी घटा है। कांग्रेस को कोई सीट नहीं मिली, लेकिन उन्होंने अपने वोट शेयर में 2 फीसदी की वृद्धि की है।
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