इस्लामाबाद: पाकिस्तान के इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग ने 82 पाकिस्तानी तीर्थयात्रियों को वीजा जारी किया है, जिससे ख्वाजा निजामुद्दीन औलिया के पांच दिवसीय वार्षिक उर्स समारोह के लिए वाघा-अटारी सीमा के रास्ते वे भारत आ पाए हैं।
उर्स के दौरान जियारत करने के लिए तीर्थ यात्री शनिवार को वाघा सीमा से भारत में प्रवेश कर गए। साल 2019 में पुलवामा हमले के बाद से दोनों पड़ोसियों के बीच शत्रुतापूर्ण संबंधों को देखते हुए, ख्वाजा निजामुद्दीन औलिया के वार्षिक उर्स के लिए वीजा प्राप्त करना पाकिस्तानी तीर्थयात्रियों के लिए अतीत में एक कठिन प्रक्रिया रही है।
हालांकि, इस वर्ष वीजा के लिए आवेदन करने वाले पाकिस्तान के सभी 82 तीर्थयात्रियों को वीजा प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए प्रस्थान से दो दिन पहले लाहौर में एकत्र होने के लिए कहा गया था।
इस सकारात्मक घटनाक्रम को सही दिशा में उठाया गया कदम माना जा रहा है, जिससे आने वाले समय में द्विपक्षीय संबंधों में सुधार की उम्मीद है।
बता दें कि ख्वाजा निजामुद्दीन औलिया का उर्स एक महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजन है, जिसमें विभिन्न पृष्ठभूमियों से तीर्थयात्री आते हैं। ऐसा माना जाता है कि भारत द्वारा तीर्थयात्रियों को वीजा जारी करना दोनों देशों के लोगों के बीच पुल का काम भी कर सकता है, जिससे सद्भावना और संवाद को बढ़ावा मिलेगा।
कई लोगों का मानना है कि भारतीय उच्चायोग द्वारा पाकिस्तान से आने वाले सभी तीर्थयात्रियों को वीजा का प्रावधान, इस सप्ताह के प्रारंभ में इस्लामाबाद में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन के शासनाध्यक्षों की बैठक के दौरान भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर और पाकिस्तान के उप-प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार के बीच सकारात्मक बातचीत के कारण हुआ है।
इसके साथ ही आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी के लिए भारतीय क्रिकेट टीम के पाकिस्तान दौरे की उम्मीदें भी फिर से जगी हैं।
टीम इंडिया के फरवरी 2025 में चैंपियंस ट्रॉफी के लिए पाकिस्तान का दौरा करने की उम्मीद है। हालांकि, भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने अभी तक पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) को टीम की भागीदारी के बारे में औपचारिक रूप से सूचित नहीं किया है।