अहमदाबाद: नागरिकता (संशोधन) अधिनियम 2019 अब दूसरे देशों से आए वहां के अल्पसंख्यक नागरिकों के लिए वरदान बन रहा है। गुजरात के अहमदाबाद में बुधवार को आयोजित एक कार्यक्रम में पाकिस्तान में जन्मे और पिछले कई वर्षों से गुजरात में रह रहे 55 परिवारों को भारतीय नागरिकता दी गई।
भारत के नागरिक बनने पर उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा पारित नागरिकता कानून की प्रशंसा की और विश्वास व्यक्त किया कि यह कानून विदेशों में रह रहे भारतीयों के लिए एक महत्वपूर्ण तोहफा है। भारतीय नागरिकता प्राप्त करने के बाद इन लोगों के चेहरे पर खुशी साफ तौर पर देखी जा सकती थी।
सीएए के तहत पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के ऐसे अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है जो 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आए थे। अल्पसंख्यकों में हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई लोग ही देश की नागरिकता पाने के लिए पात्र होंगे जो इन तीनों देशों में अल्पसंख्यक हैं।
हिसाल कुमारी ने आईएएनएस से कहा, "मैं 2013 में पाकिस्तान से अहमदाबाद आई थी। यहां आकर मुझे बहुत अच्छा लग रहा है, क्योंकि यहां मुझे स्वतंत्रता का असली मतलब समझ में आया। आज, जब मैंने अपना प्रमाणपत्र लिया, तो ऐसी खुशी महसूस हो रही है, जिसे शब्दों में नहीं बता सकती। अब मैं किसी भी दिशा में अपनी करियर को आगे बढ़ा सकती हूं, कहीं भी जा सकती हूं और जो चाहूं वह कर सकती हूं।"
उन्होंने आगे कहा, "मैं नरेंद्र मोदी और सरकार का धन्यवाद करती हूं, जो हमें यह स्वतंत्रता और अवसर प्रदान कर रहे हैं। यहां आकर मुझे यह महसूस हुआ कि जहां पहले महिलाओं को सीमित दृष्टिकोण से देखा जाता था, अब महिलाएं हर काम में पुरुषों से भी बेहतर कर सकती हैं। उनमें अपार क्षमता है और यह क्षमता अब अधिक स्वतंत्रता के साथ सामने आ रही है।"
अहमदाबाद में पाकिस्तान से आए लोगों को भारत की नागरिकता का प्रमाणपत्र दिया गया। इसके बाद इन लोगों की खुशी देखते ही बनती थी। लोगों ने प्रमाण पत्र प्राप्त करने के बाद सामूहिक रूप से "भारत माता की जय" का उद्घोष किया, जिससे पूरा इलाका गूंज उठा। इस अवसर पर लोग खुशी से झूम उठे।