आयुर्वेद के 5 कमाल के फ़ायदे, फ़िट रहने में आपकी करते हैं मदद
जिस ओर लोग तेज़ी से लौट रहे हैं. संतुलित और पौष्टिक आहार,
हेल्थ | बेसिक की तरफ़ लौटने के इस युग में आयुर्वेद एक बेसिक है, जिस ओर लोग तेज़ी से लौट रहे हैं. संतुलित और पौष्टिक आहार, मालिश, प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल और हल्का-फुल्का योगासन इन सभी को साथ मिला दें तो आयुर्वेद का एक क्लासिक पैकेज पूरा हो जाता है. तन और मन के संपूर्ण सेहत को संवारने वाले आयुर्वेद के वो कौन-से 5 फ़ायदे हैं, जो आपको फ़िट रहने में मदद करते हैं. आइए जानते हैं, मिलेनियम हर्बल केयर के दीपेश महेन्द्र वाघमारे से.
#1 आयुर्वेद आपको ऊर्जावान बनाए रखता हैक्या आपको दिनभर के काम के बाद शाम को एनर्जी लेस महसूस करने लगते हैं? या सुबह उठने के बाद उतना फ्रेश महसूस नहीं करते, जितना करना चाहिए? इस चक्कर में आपकी योगा क्लास और जिम मिस हो जाता है. कई लोग सुबह की सुस्ती भगाने के लिए चाय, कॉफ़ी या स्टेरॉइड को समाधान समझते हैं, पर ऐसा है नहीं. आपके शरीर को सही मायने में ऊर्जावान बनाने का काम करती हैं आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां. अश्वगंधा, ब्राह्मी और तुलसी जैसी जड़ी-बूटियां, शारीरिक और मानसिक तनाव को कम करने के लिए जानी जाती हैं. सुबह इन जड़ी बूटियों के गर्म काढ़े से दिन की शुरुआत करें. पूरे दिन शरीर ऊर्जावान बना रहेगा.
#2 आयुर्वेद स्टैमिना बढ़ाता है
स्टैमिना का अर्थ है हमारी काम करने की क्षमता. जब हम काम करते हैं तब हमारा स्टैमिना धीरे-धीरे कम होता है. पर स्टैमिना का संबंध महज़ शारीरिक गतिविधि से नहीं होता. तनावग्रस्त दिमाग़ की स्टैमिना की कमी महसूस करता है. ऐसे में अश्वगंधा, ब्राह्मी और शतावरी जैसी आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां स्टैमिना बढ़ाने के काम आती हैं. इनके सेवन से मांसपेशियों में ऑक्सीजन की सप्लाई बढ़ती है, जिसके चलते आपको थकान महसूस नहीं होती.
अपने रोज़ाना के खानपान में धनिया के बीज, दालचीनी, जीरा और बादाम जैसे ड्रायफ़ूट्स शामिल करें. इका सही अनुपात में सेवन स्टैमिना बढ़ाने का कारगर तरीक़ा साबित हो सकता है.
#3 आयुर्वेद से बढ़ता है मेटाबॉलिज़्म
यदि आपका मेटाबॉलिज़्म बेहतरीन है तब आप बिना अधिक प्रयास के भी फ़िट बने रह सकते हैं. यदि आपको फ़िट रहने के लिए बहुत ज़्याद व्यायाम करना पड़ता है और खानपान पर अतिनियंत्रण रखना पड़ता है, तब आपको वज़न कम करने और नियंत्रित रखने के लिए आयुर्वेद की मदद लेनी चाहिए. कई जड़ी-बूटियां है, जो मेटाबॉलिज़्म को बढ़ाने का काम करती हैं. जैसे गुडूची हमारे आंतों के स्वास्थ्य के लिए काफ़ी फ़ायदेमंद है. यह शरीर में वसा के जमाव को भी कम करने में सहायक है. वहीं दालचीनी जैसे मसाले शरीर में फ़ैट सेल्स को बनने से रोकते हैं. हल्दी में मौजूद करक्यूमिन फ़ैट बर्न में सहायक है. यदि आपका मेटाबॉलिज़्म काफ़ी कम है तो खानपान में जीरा, काली मिर्च शामिल करें. जल्द ही इन आयुर्वेदिक नुस्ख़ों के परिणाम दिखने लगेंगे.