पोर्ट सूडान: अर्धसैनिक बल रैपिड सपोर्ट फोर्सेज (आरएसएफ) के कथित हमलों और बीमारियों के कारण सूडान के एक गांव में करीब 46 लोग मारे गए हैं। यह जानकारी एक चिकित्सा सूत्र और एक स्वयंसेवी समूह ने दी।
सिन्हुआ समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार गीजीरा राज्य के वाड आशिब गांव के पास स्थित एक अस्पताल के मेडिकल सोर्स ने बताया कि "मंगलवार और बुधवार के दौरान अस्पताल को 21 लोगों के शव मिले है। इन सभी की मौत गांव पर आरएसएफ के हमले के कारण हुई। इस बीच, मध्य सूडान में मानवाधिकार उल्लंघनों पर नजर रखने वाले स्वयंसेवी समूह निदा अल-वसत प्लेटफार्म ने एक बयान में कहा कि गांव को आरएसएफ ने घेर लिया है, जिससे चिकित्सा और खाद्य आपूर्ति बाधित हो गई है, जिसके कारण अब तक 25 लोगों की मौत हो चुकी है।
वहीं आरएसएफ ने कथित हमलों को लेकर किसी भी तरह की कोई टिप्पणी नहीं की है। कार्यकर्ता और स्वयंसेवी समूह 20 अक्टूबर को सूडान में अपने कमांडर अबू अकला कीकेल द्वारा सूडानी सशस्त्र बलों (एसएएफ) के समक्ष आत्मसमर्पण करने के बाद से गीजीरा पर कई हमलों को अंजाम देने का आरोप आरएसएफ पर लगा रहे हैं।
एक स्थानीय गैर-सरकारी समूह गीजीरा सम्मेलन ने अपने नवीनतम रिपोर्ट में कहा कि गीजीरा के अल-हिलालिया शहर में मरने वालों की संख्या बढ़कर 537 हो गई है। इंटरनेशनल ऑर्गेनाइजेशन ऑफ माइग्रेशन द्वारा 14 नवंबर को प्रकाशित एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 20 अक्टूबर से 13 नवंबर तक गीजीरा राज्य के विभिन्न स्थानों से लगभग 343,473 व्यक्ति या 68,801 परिवार विस्थापित हुए।
अप्रैल 2023 के मध्य से ही सूडान एसएएफ और आरएसएफ के बीच विनाशकारी संघर्ष की चपेट में है। आर्म्ड कॉन्फ्लिक्ट लोकेशन एंड डाटा प्रोजेक्ट के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार इस घातक संघर्ष में 27,120 से अधिक मौतें हुई हैं। संघर्ष के शुरू होने के बाद से हैजा, मलेरिया, खसरा और डेंगू बुखार जैसी महामारी फैल गई है, जिससे सैकड़ों लोगों का जान चली गई है।
आईओएम के नवीनतम अनुमानों के अनुसार, संघर्ष के कारण सूडान के अंदर या बाहर 14 मिलियन से ज्यादा लोग विस्थापित हुए हैं।