पीएम गति शक्ति योजना के तहत किया गया 15.39 लाख करोड़ रुपये की 208 परियोजनाओं का मूल्यांकन
नई दिल्ली: देश को सभी आर्थिक क्षेत्रों में मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी इंफ्रास्ट्रक्चर प्रदान करने के लिए 2021 में शुरू की गई पीएम गति शक्ति योजना की सफलता इन दिनों चर्चा के केंद्र में है।
भारत सरकार के अधिकारियों ने शनिवार को इस योजना की सफलता की जानकारी देते हुए बताया कि भारत के बुनियादी ढांचे के विकास और मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए पीएम गति शक्ति योजना ने विभिन्न मंत्रालयों की 15.39 लाख करोड़ रुपये की 208 बड़ी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का आकलन करने में एक मील का पत्थर हासिल किया है।
साथ ही इस योजना के तहत रेल मंत्रालय के तीन आर्थिक गलियारों में 434 परियोजनाओं का मूल्यांकन किया गया है और उन्हें पीएमओ के साथ साझा किया गया है, जो ऊर्जा, खनिज और सीमेंट कॉरिडोर, उच्च यातायात घनत्व कॉरीडोर और रेल सागर जैसे क्षेत्रों में है।
पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान (एनएमपी) में 44 केंद्रीय मंत्रालयों और 36 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को शामिल किया गया है। इसके अंतर्गत कुल 1,614 डेटा लेयर्स को भी एकीकृत किया गया है।
इस योजना के तहत आंकड़ों की सटीकता सुनिश्चित करने के लिए, प्रमुख बुनियादी इन्फ्रास्ट्रक्चर मंत्रालयों ने तीन-स्तरीय प्रणाली के लिए मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) को भी शुरू किया है। इसमें आठ बुनियादी इन्फ्रास्ट्रक्चर मंत्रालयों और 15 सामाजिक क्षेत्र मंत्रालयों के लिए एसओपी को अधिसूचित किया गया है।
वित्त मंत्रालय के अनुसार, पीएम गति शक्ति को जिला स्तर तक विस्तारित करने के लिए भारत सरकार की ओर से जिला मास्टर प्लान (डीएमपी) पोर्टल विकसित किया जा रहा है।
यह पोर्टल जिला प्राधिकारियों को सहयोगात्मक योजना, बुनियादी ढांचे की कमी की पहचान और योजना कार्यान्वयन में सहायता करेगा।
इस पोर्टल का बीटा वर्जन 28 जिलों के लिए पहले ही तैयार किया जा चुका है। इन जिलों को 18 सितंबर को उपयोगकर्ता खाते भी उपलब्ध करा दिए गए हैं।
वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने आगे बताया कि पोर्टल का ट्रायल रन जारी है, अक्टूबर 2024 में ओरिएंटेशन कार्यक्रम होंगे। देश के सभी जिलों के लिए डीएमपी पोर्टल चरणबद्ध तरीके से विकसित किए जाएंगे और 31 मार्च, 2025 तक पूरे हो जाएंगे।”
पीएम गति शक्ति एनएमपी के परिणामस्वरूप विभिन्न क्षेत्रों में अनेक उपलब्धियां हासिल हुई हैं, जिससे परियोजना की प्लानिंग, गति और क्रियान्वयन में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने एनएमपी का उपयोग करते हुए 8,891 किलोमीटर से अधिक सड़कों की योजना बनाई, जबकि रेल मंत्रालय ने एनएमपी का उपयोग करते हुए 27,000 किलोमीटर से अधिक रेलवे लाइनों की योजना बनाई।
पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने विस्तृत मार्ग सर्वेक्षण (डीआरएस) की प्रक्रिया को व्यवस्थित कर दिया है, जिससे इलेक्ट्रॉनिक डीआरएस का उपयोग करते हुए रिपोर्ट तैयार करने में लगने वाला समय 6-9 महीने से घटकर सिर्फ एक दिन रह गया है।