रायपुर के उत्कल बस्ती काशीराम नगर में अघोषित कर्फ्यू!

Update: 2020-09-08 06:37 GMT

मोहल्ले में सन्नाटा, लोग घरों में दुबके, हर घर में सर्दी-जुकाम, फ्लू के मरीज

  • बीमार होने के बाद भी लोग नहीं करा रहे इलाज,स्थिति बेहद विस्फोटक
  • जनता से रिश्ता के संज्ञान में लाने के बाद भी नहीं जागा प्रशासन
  • पूरे काशीराम नगर को सेनिटाइज करने की दरकार

कैलाश यादव
रायपुर। राजधानी में कोरोना को लेकर भयावह स्थिति है। काशीराम नगर उडिय़ा बस्ती में सन्नाटा पसरा हुआ है। कोई भी रहवासी घर से बाहर ही नहीं निकल रहा है। काशीराम नगर के चारों तरफ लोगों ने खुद ही अघोषित कफ्र्यू जैसा माहौल निर्मित कर दिया है। वहीं लोगों से उनके घर जाकर बातचीत करने पर पता चला कि यहां तो हर घर में दो-तीन लोग सर्दी-खांसी, फ्लू, डायरिया से ग्रसित होने के बाद भी अस्पताल जाने के बजाय काशीराम नगर में स्थित मेडिकल स्टोर्स संचालित करने वाले डॉक्टर से गोली-दवाई लेकर खुद इलाज कर रहे है।

नहीं पहुंचा अब तक प्रशासनिक अमला

काशीराम नगर की भयावह स्थिति को लेकर लगातार तीन दिनों से खबरें मिल रही है। लेकिन मंगलवार सुबह 10-11 बजे तक कोई भी प्रशासनिक अमला नहीं पहुंचा है, मोहल्ले को अभी तक एक बार भी सेनिटाइज नहीं किया गया और न ही चूना डाला गया है। कोरोना काल से पहले से ही काशीराम नगर और उसके आसपास की रिहायशी बस्ती राजधानी की सबसे गंदी बस्तियों में शामिल है। यहां सीवरेज से होकर पाइप लाइन घरों में पहुंचती है,वहीं गंदानाले के प्रदूषित पानी से काशीराम नगर के लोग ग्रसित रहते है।

पहले पहुंचा जनता से रिश्ता की टीम

काशीराम नगर उद्योग भवन के पीछे उडिय़ा बस्ती की स्थिति को लेकर जनता से रिश्ता को लगातार तीन दिनों से इस तरह की सूचना मिल रही थी, सबसे पहले पहुंच कर जन सरोकार का दायित्व निभाते हुए मंगलवार की सुबह जनता से रिश्ता की टीम मौका ए मुआयना के पहुंची तो, वहां बड़ा ही डरावना और भयावह माहौल देखने को मिला। काशीराम नगर उडिय़ा बस्ती के रहवासियों से व्यक्तिगत तौर पर घर परिवार, बीमारों की जानकारी ली। मुआयना करने पश्चात यह पाया कि हर घर में 10 से 12 व्यक्ति का परिवार है और हर घर में दो-तीन लोग या चार लोग खांसी, सर्दी, टाइफाइड पीलिया और ऐसी फ्लू जैसी बीमारियों के शिकार है। लोगों में कोरोना का दहशत इस कदर है कि वे घर से ही बाहर नहीं निकल रहे है। कोरोना के दहशत के कारण पहली ऐसी बस्ती है, जहां पर 24 घंटे कफ्र्यू अपने आप लग गया है।

बस्ती का कोई भी आदमी नहीं जा रहा काम पर

उडिय़ा बस्ती के लोगों को कोरोना ने ऐसा डराया है कि बस्ती के लोग घर से कोई बाहर निकलता नहीं चाहते, न ही कोई व्यक्ति कहीं काम करने जा रहे हैं। बस्ती स्थित एक डॉक्टर जो पिछले 15 सालों से बस्ती में मेडिकल स्टोर्स के साथ क्लीनिक चला रहे हैं, उसी की दवाई पर पूरा उडिय़ा बस्ती आश्रित है। स्पष्ट रूप से सर्दी खांसी, बुखार की गोलियां आदि देकर बस्ती के लोग कोरोना से लडऩा चाह रहे है। कोरोना जांच कराने के लिए लगातार बात जरूर करते हैं, लेकिन बस्ती के लोग डर और दहशत के कारण अस्पताल जाने से कतरा रहे है। घर में चुपचाप इलाज करा रहे हैं और घर से बाहर नहीं निकल रहे है।

गलियों की खामोशी बयां कर रही हालात की गंभीरता

काशीराम नगर के उडिय़ा बस्ती में सन्नाटा छाया हुआ है, आसपास के लोग भी इस उडिय़ा बस्ती में जाने से कतरा रहे हैं और कमोबेश यहां कर कफ्र्यू जैसा माहौल बना हुआ है । शासन-प्रशासन या स्वास्थ्य अमला, नगर निगम का अमला अभी तक इन बस्तियों में नहीं आया है और न ही किसी तरह की जांच हुई है। बस्ती वाले अपने आप को ही क्वॉरेंटाइन कर पूरी बस्ती को बंद कर दिया है। काशीराम नगर में दहशतजदा माहौल बन गया है, शासन-प्रशासन के संज्ञान में जनता से रिश्ता लगातार तीन-चार दिन से अवगत करा रहा है । लेकिन आज सुबह 8.30 -11 बजे तक किसी भी सरकारी स्वास्थ्य कर्मी या नगर निगम का अमला, कलेक्टोरेट के सरकारी कर्मचारी बस्ती का मुआयना करने नहीं पहुंचा है। एक ताजा अनुमान के अनुसार इस बस्ती से कम से कम 500 कोरोना पेशेंट निकलेंगे जो जांच उपरांत पॉजिटिव पाए जाएंगे, जो राजधानी के लिए सबसे बड़ा घातक और विस्फोटक साबित होगा। इसलिए समय रहते काशीराम नगर को प्रशासन क्वारेंटाइन जोन बनाकर हर घर में जाकर बीमारों की सूची बनाकर तत्काल प्रशासन उचित उपचार कराएं, जिससे समय रहते महामारी को रोका जा सके और राजधानी को महामारी के विस्फोट से बचाया जा सके।

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