अस्पताल को खाली कराकर इक्वीपमेंट पर किया कब्जा, एसपी से शिकायत

Update: 2020-09-04 06:13 GMT

पुलिस मामले की जांच कर रही है


रायपुर (जसेरि)। राजधानी के अभनपुर में पार्टनर ने मकान मालिक के साथ मिलकर अस्पताल को जबरिया खाली कराने और वहां लगे इक्वीपमेंट को जब्त करने का मामला सामने आया है। इस मामले में अभनपुर पुलिस ने पीडि़त के खिलाफ ही मामला दर्ज किया है। पीडि़़त ने मामले में एसएसपी से शिकायत कर न्याय मांगी है।
पीडि़त रणविजय यादव जो कि पेशे से बीएएमएस डॉक्टर हैं, ने जनता से रिश्ता को बताया कि यह मामला अभनपुर के श्री साईं कृपा हॉस्पिटल की है जहां मकान मालिक रूपचंद टंडन द्वारा अपने मकान को अस्पताल के रूप में चलाने के लिए ऋषभ तिवारी को दिया गया था ऋषभ तिवारी ने अस्पताल को कुछ दिन तक चलाया फिर उसने अस्पताल में एक दूसरे डॉक्टरों के साथ साझेदारी कर ली दूसरा डॉ रणविजय यादव ने ऋषभ तिवारी से एग्रीमेंट कर अस्पताल चलाने का निर्णय लिया डॉ रणविजय ने 3 महीने अस्पताल को अच्छे से चलाया फिर अचानक मकान मालिक रूपचंद और अस्पताल के संचालक ऋषभ तिवारी दोनों ने मिलकर रणविजय से पैसे आए थे और उसके बाद अस्पताल खाली करा दिया। डॉ रणविजय यादव ने जनता से रिश्ता को बताया कि उनके साझेदार ने अस्पताल में रखे सामानों को अपने कब्जे में कर लिया और अपने साथ 20 से 22 लोगों को लाकर उनके अस्पताल में उनके स्टाफ के साथ गाली गलौज करने लगे जब रणविजय ने इसका विरोध किया तो उसे ही झूठे मारपीट के मामले में फसा दिया डॉ रणविजय ने बताया कि उनके साथ हॉस्पिटल के संचालक ऋषभ में साडे 300000 का एग्रीमेंट भी साइन किया था और हर महीने 300000 का वेतन उनके साथ के लिए दिया जाएगा मगर इन सभी बातों का उल्लंघन करते हुए ऋषभ तिवारी ने अस्पताल खाली करा दिया और उनको झूठे केस में फंसा दिया। ऋषभ तिवारी ने अपनी सफाई में कहा- जनता से रिश्ता ने इस मामले की पुष्टि के लिए ऋषभ तिवारी से उनका पक्ष जानने का प्रयास किया तब उन्होंने बताया कि उन पर लगाए गए सारे आरोप झूठे हैं और अस्पताल में उनके द्वारा 700000 का इलाज के लिए इस्तेमाल होने वाले सामान रखे गए थे और अस्पताल को किसी और कारण से खाली कराया गया।
अभनपुर थाना प्रभारी ने कही ये बात अभनपुर थाना प्रभारी ने बताया कि शिकायतकर्ता के पीडि़त रणविजय ने मारपीट की थी जिसकी वजह से उसके विरोध में अपराध दर्ज किया गया है।

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