सूडान की सरकार ने 30 साल का इस्लामी शासन को किया खत्म, अब बनेगा लोकतांत्रिक देश

Update: 2020-09-07 09:09 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। सूडान की सरकार ने उत्तरी अफ्रीकी राष्ट्र में 30 साल के इस्लामी शासन को खत्म करते हुए धर्म को अलग करने की बात सहमति व्यक्त की है। सूडान के प्रधानमंत्री अबदुल्ला हमदोक और सूडान पीपुल्स लिबरेशन मूवमेंट-नॉर्थ विद्रोही समूह के नेता अब्दुल-अजीज अल हिलु ने घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किए।

गुरुवार को इथियोपिया की राजधानी अदीस अबाबा में सिद्धांत को अपनाने के लिए इन दोनों ने इस घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर किए। घोषणा पत्र में लिखा है कि सूडान के लोकतांत्रिक देश बनने के लिए, जहां सभी नागरिकों के अधिकारी निहित हैं, यहां संविधान धर्म और राज्य के अलगाव के सिद्धांत पर आधारित होना चाहिए। इसके अभाव में आत्मनिर्णय के अधिकार का सम्मान करना चाहिए।
सरकार की ओर से विद्रोही ताकतों के साथ शांति समझौते को शुरू करने के बाद एक हफ्ते से भी कम समय में यह समझौता खत्म हो गया है। इसमें दार्फुर और सूडान के दूसरे हिस्सों से बेदखल किए गए तानाशाह उमर-अल बशीर से और लड़ने की उम्मीद खत्म हो गई है। 

सूडान पीपुल्स लिबरेशन मूवमेंट-नॉर्थ के दो गुटों में से एक किसी भी ऐसे घोषणापत्र पर हस्ताक्षर करने से मना कर दिया है जो धर्मनिरपेक्ष प्रणाली को सुनिश्चित नहीं करता है। 1989 में बशीर की ओर से सत्ता पर कब्जा करने के बाद सूडान को अंतरराष्ट्रीय अलगाव से जूझना पड़ रहा था, जिससे अब वो उभर रहा है। 

बशीद के समय में अलकायदा और कार्लोस सूडान में बस गए थे, अमेरिका ने 1993 में सूडान को आतंकवादी प्रायोजक घोषित कर दिया था और बाद में साल 2017 तक प्रतिबंध लगाए।

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