रूस: राष्ट्रपति पुतिन के विपक्षी नेता एलेक्सी की हालत नाजुक, डॉक्टरों ने जर्मनी भेजने से किया इनकार

Update: 2020-08-21 13:16 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। मॉस्को, एजेंसियां। रूस के डॉक्टरों ने अस्पताल में जीवन और मौत के बीच संघर्ष कर रहे विपक्षी नेता एलेक्सी नवलनी को इलाज के लिए जर्मनी भेजने से इन्कार कर दिया है। उन्होंने कहा कि इस समय उनको दूसरी जगह भेजना घातक हो सकता है। उन्होंने यह भी दावा किया कि जांच में जहर नहीं पाया गया। राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन के विरोधी एलेक्सी इस समय कोमा में हैं। उनको चाय में जहर मिलाकर देने की बात कही जा रही है। उनको साइबेरिया के ओम्स्क शहर के एक अस्पताल में भर्ती किया गया है।

एलेक्सी की प्रवक्ता कीरा यारम्यश ने शुक्रवार को ट्वीट में कहा, 'अस्पताल के चीफ डॉक्टर ने कहा कि उनको इस समय कहीं भेजा नहीं जा सकता। उनकी स्थिति स्थिर नहीं है।' इस बीच अस्पताल के उप प्रमुख डॉ. अनातोली कालिनिचेंको ने बताया कि जांच में जहर नहीं पाया गया है। 44 वर्षीय एलेक्सी की गुरुवार को साइबेरिया से मॉस्को लौटते समय विमान में अचानक तबीयत बिगड़ गई थी। उनकी टीम ने कहा कि उनको उपचार के लिए बर्लिन ले जाने के लिए एक विमान तैयार है। जर्मनी ने अपने यहां एलेक्सी का उपचार कराने का प्रस्ताव दिया है।

एलेक्सी नवलनी को साइबेरिया में एक अस्पताल के गहन चिकित्सा कक्ष में रखा गया है। कीरा यारम्यश ने इको मॉस्कोवी रेडियो स्टेशन को बताया कि उनके नेता ने बृहस्पतिवार को विमान में सवार होने से पहले हवाई अड्डे पर स्थित कैफे से चाय पी थी जिसमें कुछ जहरीला पदार्थ दिया गया होगा। नवलनी को पसीना आ रहा था और उन्होंने मुझसे बात करने को कहा ताकि वह आवाज पर ध्यान केंद्रित कर सके। इसके बाद वह शौचालय गए जहां वह बेहोश हो गए। उनकी हालत बेहद नाजुक है, वह कोमा में वेंटिलेटर पर हैं।

एलेक्सी नवलनी ने बताया कि रूसी डॉक्‍टरों ने नवलनी को जर्मनी के अस्पताल में ले जाने से इनकार कर दिया है। मुख्य चिकित्सक का कहना है कि नवलनी को नहीं ले जाया जा सकता है क्‍योंकि उनकी हालत अस्थिर है। उन्हें ले जाने संबंधी परिवार का फैसला गलत है। एलेक्सी नवलनी ने अस्पताल प्रबंधन से एलेक्सी नवलनी को ले जाने के लिए सभी जरूरी दस्तावेज प्रदान करने में बाधा नहीं डालने की गुजारिश की है। समाचार एजेंसी एपी की रिपोर्ट के मुताबिक, अन्य विपक्षी हस्तियों ने इस मामले में क्रेमलिन (रूसी राष्ट्रपति का कार्यालय) का हाथ होने की आशंका जताई है।

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