पाकिस्तान सरकार ने बेरहमी से करवाई थी अपने पश्तून एसपी ताहिर डावर की हत्या, जानें वजह

Update: 2020-08-27 14:24 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | नई दिल्ली, आइएएनएस। पाकिस्तान में सुरक्षा एजेंसियां किस तरह से विरोध को कुचलने के तरीके अपनाती हैं, इस पर से तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के प्रवक्ता रहे एहसानुल्ला एहसन ने पर्दा उठाया है। कहा है कि सरकारी एजेंसियों ने उस पर विरोधियों की हत्या के लिए किलिंग स्क्वाड का नेतृत्व करने के लिए दबाव डाला था। जिन विरोधियों की हत्या करनी थी, उनमें कुछ पत्रकार भी शामिल थे। एहसन पर यह दबाव तब डाला गया था, जब वह पाकिस्तानी सुरक्षा बलों की कैद में था। बाद में वह फरार हो गया। अब माना जाता है कि वह तुर्की में है। वहीं से उसने ट्विटर के जरिये यह जानकारी दी है।

फरार टीटीपी नेता एहसन का रहस्योद्घाटन

एहसन ने अपने ट्वीट में पश्तून समुदाय के लोगों के उस आरोप की पुष्टि की है जिसमें कहा गया था कि खैबर पख्तूनख्वा के एसपी ताहिर डावर की हत्या में सरकारी एजेंसियों का हाथ था। डावर पाकिस्तान में सीनियर पुलिस अफसर होने के साथ ही पश्तो के जाने-माने कवि भी थे। उनका 26 अक्टूबर, 2018 को इस्लामाबाद से अपहरण हो गया था। इसके बाद उनकी बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। उनकी क्षत-विक्षत लाश 13 नवंबर, 2018 को अफगानिस्तान के नांगरहार प्रांत के दूर बाबा जिले में मिली थी। तब पश्तूनों के संगठन पश्तून तहाफुज मूवमेंट (पीटीएम) ने डावर की हत्या के लिए सरकारी एजेंसियों को जिम्मेदार बताया था। 

डावर की बेरहमी से हत्या कर दी गई

अब करीब दो साल बाद एहसन ने डावर के अपहरण और हत्या में सरकारी एजेंसियों के शामिल होने की पुष्टि की है। आतंकी संगठन नेता एहसन ने बताया है कि डावर को खैबर के जरिये अफगानिस्तान ले जाया गया था, जहां पर उन्हें तालिबान कमांडर उस्मान को सौंप दिया गया। कुछ देर बाद ही डावर की बेरहमी से हत्या कर दी गई। उनकी लाश को ऐसी जगह फेंका गया, जिससे शक हो कि हत्या आतंकी संगठन आइएस ने की है। एहसन ने यह बात अपने 12 मिनट के ऑडियो टेप में कही है।

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