विद्युतीकरण के नाम पर गड़बड़ी: इंजीनियर ने बटन दबाया, अंधेरा हो गया छू मंतर…

Update: 2020-08-29 05:49 GMT

> ग्रामीण यांत्रिकी विभाग में विद्युतीकरण के नाम पर घोटाला

ज़ाकिर घुरसेना

रायपुर। ग्रामीण यांत्रिकी विभाग में भ्रष्टाचार की बह रही गंगा में इंजीनियर से ठेकेदार तक जी भर कर डूबकी लगा रहे है। सरकार की गांवों को उजाला करने की महती योजना विभागीय अधिकारियों और ठेकेदारों की जिंदगी में उजाला कर रही है। ग्रामीण तो आज भी चिमनी और लालटेन की रोशनी को अपनी जिंदगी का अहम हिस्सा बना कर जिंदगी को ढोए जा रहे है। सरकार की मानीटरिंग नोडल एजेंसी सिर्फ कागजों पर गांवों को रोशन करने का प्रमाण पत्र बांट रही है। जबकि हकीकत कोसो दूर है।एक ताजा मामला आया है जिसमें कथनी और करनी में जमीन आसमान का अंतर साफ दिखाई दे रहा है। ग्राम पंचायतों में एलइडी स्ट्रीट लाइट लगाए जाने के नाम पर भ्रष्टाचार की बाढ ़आ गई जिसमें कई गांव बह गए है। बिजली के नाम पर वे सभी गांव वाले ठगा सा महसूस कर रहे है। अपनी पीड़ा किससे कहे कोई सुनने वाला नहीं है। ग्राम पंचायतों में तकनीकी कार्य ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग के इंजीनियरों की देख रेख में होतेे है। ग्राम पंचायतों में बिजली के कार्य लोक निर्माण विभाग के एस ओ आर के दर से कराये जाते ह,ै जिसके लिए 2015 का एसओआर का उपयोग किया जाता है। इसमें एलईडी की दरे काफी अधिक है, ये भी संभव हो सकता है कि उस समय बाजार भाव अधिक रहा हो। जिन लाइटो को 9500 रु. प्रति लाइट दर से लगवाया जा रहा है, अब उसकी दर 2300 रु प्रति लाइट हो गई है। अब बाजार में भी एलईडी के आइटम की दरों में काफी कमी आयी है, रेट सस्ते हो चुके है इसलिए लोक निर्माण विभाग द्वारा भी एलईडी के आइटम दरो में भारी कटौती 80 से 85 प्रतिशत कमी करते हुए दिनांक 1 जून 2020 को नया एसओआर लागू कर दिया है। नियमानुसार ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग को भी इस दर को लागू करना था, परन्तु अधिकारियों द्वारा व्यक्तिगत स्वार्थ की मंशा से इन दरों को लागू न करते हुए अधिक दरों पर ही एलईडी स्ट्रीट लाइट लगाने के काम को अंजाम देकर अपनी जेब भरने और शासन को चूना लगाने का प्रयास किया गया।
सूत्रों से जानकारी मिली है कि अभी तक आरइएस में पुराने दर ही लागू है, नयी दर लागू करने की प्रक्रिया चल रही है, इसलिए अधिकारी वर्ग इस अवसर का अनुचित लाभ उठाते हुए शासन का अरबों रुपयों का वारा-न्यारा करने की फिराक में नजर आ रहा है। इस सम्बन्ध में छत्तीसगढ़ के पूर्व गृहमंत्री और विधायक ननकी राम कंवर ने भी विकासखंड करतला में एलईडी लाइट्स लगाने के नाम पर हो रहे भारी भ्रष्टाचार की ओर शासन का ध्यान आकर्षित कराया था, परन्तु अधिकारियों द्वारा मामले की लीपापोती कर मामला रफा-दफा कर दिया। अब फिर से अधिकारियों द्वारा सरपंच-सचिवों पर दबाव बनाकर अरबों रूपए के प्रस्ताव किये जा रहे हैं। इन धनलोलुप अधिकारियों की साजिश को नहीं रोका गया तो जनता की गाढ़ी कमाई इनकी जेबों में जाने से कोई नहीं रोक सकता।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आरईएस ग्रामीण यांत्रिकी के विद्युतीकरण के कार्यो में 2015 से प्रभावशील लोक निर्माण विभाग के एसओआर के आधार पर स्टीमेट बनाया जाता है, मूल्यांकन व भुगतान की कार्रवाही की जाती है, को जुलाई 2019 से विभाग में लागू किया गया है ।
विभाग में एसओआर लागू करने के लिए किसी की सहमति, अनुमति या जानकारी की आवश्यकता नहीं पड़ती, बल्कि विभाग के प्रमुख अभियंता स्वयं सक्षम होते हैं। बाजार में बिजली से सम्भावित लाइट की दर में विगत पांच वर्षो में 70 -80 प्रतिशत की गिरावट आई है. जिसके कारण बाजार भाव का विश्लेषण के उपरान्त लोक निर्माण विभाग द्वारा 1 जून 2020 से नया एसओआर लागू किया गया है.नया एसओआर 1 जून 2020 से प्रभावशील हो गया है। उसे ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग में लागू नहीं किया जा रहा है। जबकि पत्र क्रमांक 2116 /4075 / ग्रा. या.से. दिनांक 14 -07 -2020 के अनुसार ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग में उपरोक्त एसआएआर को पूर्व प्रमुख अभियंता एस.क गुप्ता जी लागू करने का आदेश जारी कर दिए गए हैं. तो फिर और किस आदेश की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
उस कारण 2015 वाले एसओआर में दर बहुत अधिक है और 2020 वाले एसओआर बाजार भाव के आधार पर 70 -80 प्रतिशत कम हो गया है । ठेकेदार को बाजार भाव से तीन गुना अधिक भुगतान करवाकर लाखों के कमीशन का बंटरबांट करने में नया एसओआर बाधा साबित हो रहा है जिसके कारण आरईएस के उच्चाधिकारी नए एसओआर को लागू करने में रूचि नहीं ले रहे हैं और कमीशनखोरी के बड़े खेल को जारी रखे हुए हैं। वही दूसरी तरफ ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग में पूरे छत्तीसगढ़ में कार्यरत मैदानी अमले ने दरों की अत्याधिक विसंगति की ओर उच्चाधिकारियों का ध्यान आकर्षित करते हुए 1 जून 2020 से प्रभावशाली एसओआर को विभाग में लागू करने का निवेदन किया हैं लेकिन करोड़ों के कारोबार में लाखों के कमीशन की लालच में अधिकारीगण चुप्पी साधकर नया एसओआर लागू करने में हीला हवाला कर रहे हैं। पूर्व गृहमंत्री एवं विधायक ननकी राम कवंर ने गोरखधंधे शिकायत करते हुए ूपूरे मामले की जांच पर दोषियों के विषय में एफआईआर कर कार्रवाही करने की मांग की है.। कंवर ने कलेक्टर कोरबा को संबोधित पत्र में इस विषय को संज्ञान में लेकर उचित जांच की मांग की है। उन्होंने पत्र में कहा है कि आखिर किसके दबाव में फर्म अथवा व्यक्ति विशेष को कार्य प्रदान कर दिया गया है। उन्होंने गंभीर आरोप लगाया है कि बिना किसी सामग्री के आपूर्ति बिना भण्डार क्रय निगम के अनुपालन के, फर्म विशेष को किस प्रकार भुगतान कर दिया गया उस पर त्वरित कार्रवाही की मांग की है।
नया एसओआर लागू करने शासन को भेजा गया है, जैसे ही स्वीकृति मिलती है, लागू कर दिया जाएगा।

  • एस.एन श्रीवास्तव, प्रमुख अभियंता आरईएस

Similar News