50 साल तक प्राइवेट कंपनी संभालेगी जयपुर एयरपोर्ट, जानें- यात्रियों के लिए क्या बदलेगा?

Update: 2020-08-21 10:42 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क|बीते मई महीने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत अभियान की शुरुआत की थी. इसके तहत देश के अलग-अलग सेक्टर को कर्ज देकर आत्मनिर्भर बनाने की कोशिश हो रही है.

वहीं, कुछ सेक्टर में निजीकरण का भी विस्तार किया जा रहा है. इसी में से एक सेक्टर एविएशन का है. दरअसल, आत्मनिर्भर अभियान के तहत सरकार ने जयपुर, गुवाहाटी और तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट को सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल के जरिए 50 साल के लिए लीज पर देने का फैसला किया है.

आपको यहां बता दें कि ये एयरपोर्ट 50 साल के लिए मैसर्स अदाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड के कब्जे में आ गए हैं. दरअसल, इसके लिए नीलामी के जरिए टेंडर मंगाया गया था. सबसे ज्यादा बोली अडानी ग्रुप ने लगाया है.

क्या है इसका मतलब

पीपीई मॉडल का मतलब पूरी तरह से निजीकरण नहीं है. इसमें सरकार के अधीन आने वाली एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया की भी भागीदारी रहेगी. फिलहाल, पीपीई मॉडल के तहत 50 साल तक के लिए एयरपोर्ट को लीज पर दिया गया है. इसके बाद ये तीनों एयरपोर्ट फिर से एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को वापस मिलेंगे.

क्या बदल जाएगा

पीपीई मॉडल के तहत तीनों एयरपोर्ट का ऑपरेशन, मैनेजमेंट और डेवलपमेंट निजी कंपनी करेगी. यात्रियों के लिए एयरपोर्ट पर पार्किंग, बिल्डिंग के अंदर सभी दुकानों का संचालन निजी कंपनी करेगी. इसके अलावा एयरलाइंस के साथ ग्राउंड हैंडलिंग से संबंधित सभी कार्य निजी कंपनी करेगी.

मेडिकल और अन्य व्यवस्था भी निजी कंपनी ही संभालेगी. यात्रियों के लिए सुविधाएं बढ़ेंगी, लेकिन इस बात की आशंका है कि सुविधाएं मिलने के साथ आने वाले वक्त में एयर टिकट महंगा हो जाए. हालांकि सरकार की ओर से एयरपोर्ट्स के लिए 1 हजार 70 करोड़ देने का निर्णय लिया गया है. ये पैसा एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया छोटे शहरों में एयरपोर्ट के विकास करने के उपयोग में लाएगी.

केरल के मुख्यमंत्री ने किया विरोध

हाल ही में केरल से मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है. इस चिट्टी में विजयन ने आरोप लगाया है कि फैसले के दौरान केरल सरकार की अनदेखी की गई है. चिट्ठी में मांग की गई है कि एयरपोर्ट के संचालन और प्रबंधन को Special Purpose Vehicle (SPV) को स्‍थानांतरित किया जाए, जिसमें केरल सरकार प्रमुख साझेदार है. तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट को निजी हाथों में सौंपने के फैसले पर सवाल उठाते हुए केरल के सीएम ने कहा कि यह नियमों के खिलाफ है.

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