भारत में फेसबुक की वरिष्ठ अधिकारी ने दिल्ली पुलिस में दर्ज कराई शिकायत, कहा- जान को खतरा है...

Update: 2020-08-18 07:59 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क, नई दिल्ली । भारत में फेसबुक की वरिष्ठ अधिकारी (Facebook India) ने दिल्ली पुलिस (Delhi Police) में शिकायत दर्ज कर कहा है कि उनकी जान को खतरा है. उन्होंने अपनी शिकायत में पांच लोगों का नाम लिया है. दक्षिण और मध्य एशिया में फेसबुक की पॉलिसी डायरेक्टर अंखी दास (Ankhi Das) ने यह शिकायत दर्ज कराई है. इस मामले पर पर दक्षिणी दिल्ली के डीसीपी ने जानकारी दी कि दास की शिकायत मिली है और उसकी जांच की जा रही है. बताया गया कि शिकायत दर्ज होते ही इसे साइबर सेल को ट्रांसफर कर दिया गया और फिर मुकदमा दर्ज कर के जांच शुरू कर दी गई है.

49 वर्षीय दास की शिकायत उस रिपोर्ट के बाद दर्ज कराई गई है जिसमें सोशल मीडिया कंपनी की अधिकारी पर कथित तौर पर आरोप है कि उन्होंने सांप्रदायिक आरोपों वाली पोस्ट डालने के मामले में तेलंगाना के एक भाजपा विधायक पर स्थायी पाबंदी को रोकने संबंधी आंतरिक पत्र में दखलअंदाजी की थी. बता दें वॉल स्ट्रीट जर्नल में शुक्रवार को प्रकाशित एक खबर में फेसबुक में काम करने वालों के साक्षात्कारों का उल्लेख करते हुए उपरोक्त दावा किया गया है.

मुझे अपशब्द कहे जा रहे- अंखी दास
दास ने अपनी शिकायत में कहा है कि तब से उन्हें धमकियां मिल रही हैं. उन्होंने कहा, ‘(पोस्ट की जा रही) सामग्री में, यहां तक कि मेरी तस्वीरें भी शामिल हैं और मुझे जान से मारने की और शारीरिक नुकसान पहुंचाने की धमकी दी जा रही है तथा मुझे अपनी और अपने परिवार के सदस्यों की सुरक्षा का डर है. एक खबर के आधार पर सामग्री में मेरी छवि भी धूमिल की गई है और मुझे अपशब्द कहे जा रहे, साइबर धौंस दी जा रही तथा ऑनलाइन फब्तियां कसी जा रही हैं.’
दास ने आरोप लगाया कि आरोपी द्वारा अपने ‘राजनीतिक जुड़ाव’ को लेकर इरादतन उन्हें निशाना बनाया जा रहा है तथा अब वे ऑनलाइन एवं ऑफलाइन गाली-गलौज करने में लग गये हैं, उन्हें आपराधिक धमकियां दी जा रही और उनके खिलाफ अश्लील टिप्पणी की जा रही है. वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक खबर में फेसबुक द्वारा भारत में (केंद्र में) सत्तारूढ़ दल के नेताओं पर घृणा भाषण संबंधी नियमों को लागू करने में लापरवाही का दावा किये जाने के बाद कांग्रेस और भाजपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप शुरू होने के बीच ये टिप्पणी आई है.

सोशल मीडिया कंपनी राष्ट्रवादी आवाज को दबा रही
एक ओर जहां भाजपा ने आरोप लगाया है कि सोशल मीडिया कंपनी राष्ट्रवादी आवाज को दबा रही है, वहीं विपक्षी कांग्रेस ने वाल स्ट्रीट जर्नल की खबर का हवाला देते हुए आरोप लगाया है कि फेसबुक की विषय वस्तु की नीति सत्तारूढ़ पार्टी का समर्थन करती है.

वहीं उधर, फेसबुक ने इस तरह के आरोपों के बीच सोमवार को सफाई देते हुए कहा कि उसके मंच पर नफरत या द्वेष फैलाने वालों ऐसे भाषणों और सामग्री पर अंकुश लगाया जाता है, जिनसे हिंसा फैलने की आशंका रहती है. इसके साथ ही कंपनी ने कहा कि उसकी ये नीतियां वैश्विक स्तर पर लागू की जाती हैं और इसमें यह नहीं देखा जाता कि यह किस राजनीतिक दल से संबंधित मामला है.

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