इमरान खान ने बताया...इस्रायल के साथ राजनयिक संबंध स्थापित नहीं करेगा पाकिस्तान

Update: 2020-08-19 15:47 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने इस्रायल के साथ राजनयिक संबंध स्थापित करने की किसी भी संभावना को स्पष्ट रूप से खारिज कर दिया है। पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार इमरान खान ने कहा है कि जब तक फलस्तीन का मामला हल नहीं होता, पाक इस्रायल को स्वीकार नहीं कर सकता है।

खान ने मंगलवार को एक निजी समाचार चैनल को दिए साक्षात्कार में कहा, 'इस्रायल को लेकर हमारी नीति स्पष्ट है। कायदे आजम (मुहम्मद अली जिन्ना) ने कहा था कि पाक तब तक इस्रायल को स्वीकार नहीं कर सकता जब तक फलस्तीन के लोगों को अधिकार और एक स्वतंत्र देश नहीं मिल जाता।'
उन्होंने कहा, 'अगर हम इस्रायल को मान्यता देते हैं और फलस्तीनियों पर अत्याचार को अनदेखा करते हैं तो हमें कश्मीर भी छोड़ना होगा। यह हम नहीं कर सकते हैं।' पाक और इस्रायल के बीच राजनयिक संबंध नहीं हैं। दोनों देशों के विमानों को भी एक-दूसरे के हवाई क्षेत्र का उपयोग करने की अनुमति नहीं है।
इमरान खान की यह टिप्पणी संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और इस्रायल के बीच हाल ही में हुई शांति पहल की पृष्ठभूमि में आई है। यूएई इस्रायल के साथ शांति समझौता करने वाला तीसरा अरब देश बन गया है। इससे पहले इस्रायल का जॉर्डन और मिस्र के साथ एक-एक समझौता हुआ था। 

हालांकि, इसे लेकर पाकिस्तान में सवाल भी उठ रहे हैं। वहां पूछा जा रहा है कि जब अरब लोग बदलते क्षेत्रीय राजनीतिक समीकरण में इस्रायल को स्वीकार कर रहे हैं तो तो पाक विरोधी रुख क्यों अपना रहा है। वहीं, इमरान ने यूएई-इस्रायल संबंधों पर कहा कि हर देश की अपनी विदेश नीति है।

इमरान खान ने इस धारणा को भी खारिज कर दिया कि कश्मीर मुद्दे को लेकर पाकिस्तान के सऊदी अरब के साथ संबंधों में तनाव है। उन्होंने कहा, 'सऊदी अरब हमारे प्रमुख मित्रों में से एक है और हमारे संबंध अभी भी भाईचारे वाले हैं और इसमें कोई बदलाव नहीं आया है।'

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