गुलाम नबी आज़ाद ने जताई नाराजगी... कहा- क्या हो गया जो चिट्ठी लीक हुई तो...CWC की कमेंट्री करने वालों पर भी साधा निशाना...

Update: 2020-08-27 15:55 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क, नई दिल्ली । कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद (Senior Congress Leader Ghulam Nabi Azad) ने कहा है कि राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को उनके और अन्य पार्टी नेताओं द्वारा लिखे गए पत्र से दिक्कत थी. आजाद ने यह भी कहा कि चिट्ठी लीक होने से किसी को दिक्कत नहीं होनी चाहिए क्योंकि ये राज्य का कोई राज नहीं है. गुलाम नबी आजाद ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा कि "राहुल गांधी को मेरे और अन्य पार्टी नेताओं द्वारा लिखी गई चिट्ठी से दिक्कत थी. बाद में, सोनिया जी और राहुल जी ने कहा कि चुनाव एक महीने के भीतर होने चाहिए. लेकिन कोविड (Covid) के चलते यह संभव नहीं था. इसलिए हमने अनुरोध किया कि सोनिया गांधी और छह महीने के लिए अध्यक्ष बनी रहें."

आजाद ने आगे कहा कि "तो क्या हो गया कि चिट्ठी लीक हो गई. पार्टी को मजबूत करने के लिए और चुनाव कराने के लिए कहना, यह कोई राज्य का गोपनीय मसला नहीं था. इंदिरा गांधी जी के कार्यकाल में तो कैबिनेट की कार्यवाही तक लीक हो जाती थी." आजाद ने आगे कहा कि "जो लोग कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक के दौरान रनिंग कमेंट्री कर रहे थे, क्या उन्होंने अनुशासनहीनता नहीं की थी. जो लोग हमें चिट्ठी लिखने के लिए गाली दे रहे हैं क्या वह अनुशासनहीन नहीं हैं. क्या उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए. हमने किसी को भी गाली नहीं दी."

'पार्टी की मजबूती के लिए कार्यसमिति के चुनाव जरूरी'
इससे पहले गुलाम नबी आजाद ने कहा था कि जिस किसी की भी कांग्रेस के आंतरिक कामकाज में वास्तविक रुचि है, वह हमारे प्रस्ताव को हर राज्य और जिला अध्यक्ष के रूप में चुने जाने का स्वागत करेगा. पूरी कांग्रेस कार्य समिति का चुनाव होना चाहिए. उन्होंने कहा कि हमारा इरादा कांग्रेस को सक्रिय और मजबूत बनाने का है. लेकिन जिन लोगों को केवल 'अपॉइंटमेंट कार्ड' मिले, वे हमारे प्रस्ताव का विरोध करते रहे. सीडब्ल्यूसी के सदस्य चुने जाने में क्या हर्ज है, इन सदस्यों के पार्टी में स्थिर कार्यकाल होंगे.

बता दें कि जिन नेताओं ने सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखी थी इनमें पत्र पर हस्ताक्षर करने वालों में राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद, पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल, शशि थरूर, मनीष तिवारी, आनंद शर्मा, पीजे कुरियन, रेणुका चौधरी, मिलिंद देवड़ा और अजय सिंह शामिल थे. इनके अलावा सांसद विवेक तन्खा, सीडब्ल्यूसी सदस्य मुकुल वासनिक और जितिन प्रसाद, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, राजेंद्र कौर भट्ठल, एम वीरप्पा मोइली और पृथ्वीराज चव्हाण ने भी पत्र पर दस्तखत किए थे.

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