कोरोना लॉकडाउन में खूब बढ़ी इस तरह से Debit Card की डिमांड, जाने क्यों बैंकों ने जारी किए 1.6 करोड़ कार्ड

Update: 2020-08-17 16:49 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क|नई दिल्ली,कोरोना वायरस महामारी से बचने के लिए किये गए लॉकडाउन के लोगों ने डिजिटल लेने-देन को काफी तवाजो दी है. कोरोना के दौरान लोगों के बीच कॉन्टैक्टलेस कार्ड की मांग में काफी बढ़ोतरी हुई है. इस तरह के कार्ड की ग्राहकों के बीच बढ़ती मांग की वजह से बैंकों ने करीब 1.6 करोड़ डेबिट कार्ड जारी किए हैं.

सोशल डिस्टेंसिंग की वजह से बढ़ी इस कार्ड की डिमांड
सोशल डिस्टेंसिंग की वजह से जरूरत की खरीदारी करने वाले लोगों ने भी दूरी बरतने का ध्यान रखा और कांटेक्टलेस कार्ड को प्राथमिकता दी. इसके साथ ही पुराने मैग्नेटिक स्ट्रिप वाले कार्ड को बदलने के लिए बैंकिंग नियामक से मिले गए निर्देश के मद्देनजर भी बैंकों ने कॉन्टैक्टलेस कार्ड बनाने की मुहिम जारी रखी. बैंकर और पेमेंट एक्सपर्ट ने ET को बताया कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने ज्यादातर कॉन्टैक्टलेस कार्ड जारी किए हैं.

पीएसयू बैंक के वरिष्ठ अधिकारी ने ET को बताया कि कोरोना महामारी के इस दौर में डिजिटल पेमेंट का चलन बढ़ा है. इस वजह से लोगों को कॉन्टैक्टलेस कार्ड या डेबिट कार्ड की जरूरत महसूस हुई है. बहुत से नए ग्राहक भी प्रधानमंत्री द्वारा जारी राहत योजनाओं का फायदा उठाने के लिए सामने आए. उनके बैंक खाते खोले गए और उनके लिए डेबिट कार्ड जारी किए गए. कुछ ग्राहकों ने चिप वाले कार्ड के लिए अपग्रेड करने की मांग की थी और वह मैग्नेटिक स्ट्रिप से चिप वाले कार्ड की तरह ट्रांसफर हुए हैं, इसलिए भी डेबिट कार्ड जारी करने की संख्या बढ़ी है.

डेबिट कार्ड की वजह से जन धन योजना के लाभार्थीयों को मिलती है सुविधा
प्रधानमंत्री जन धन योजना से जुड़े बैंक अकाउंट से जुड़ी राहत योजनाओं के कवरेज का विस्तार करने के लिए भी अधिक डेबिट कार्ड जारी किए गए हैं. केंद्र सरकार की कई राहत स्कीम में जनधन योजना वाले बैंक अकाउंट को प्राथमिकता दी जाती है. डेबिट कार्ड होने की वजह से जन धन योजना के लाभार्थी अपने खाते से आसानी से ट्रांजेक्शन कर सकते हैं.

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