इसराइल से UAE के बाद बहरीन ने भी किया शांति समझौता, फिलीस्तीन के लिए होगा 'भारी नुकसानदायक'

Update: 2020-09-12 08:33 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क|खाड़ी देशों की राजनीति में इस वक्त जबरदस्त हलचल मची है. जिस इजरायल के साथ खाड़ी देशों की शत्रुता बड़े युद्ध का कारण बनी, इसी इजरायल को खाड़ी देश बेझिझक मान्यता दे रहे हैं. संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के बाद बहरीन भी अब इजरायल के साथ शांति समझौता करने जा रहा है. बहरीन UAE के बाद पिछले 30 दिनों में इजरायल को मान्यता देने वाला दूसरा अरब देश है.

वहीं मध्य पूर्व में बदलाव की इस लहर के बीच फिलीस्तीन में मायूसी और गुस्सा है. फिलीस्तीनियों का कहना है कि अरब देशों का ये कदम फिलीस्तीन संघर्ष के लिए झटका साबित होगा. बता दें कि कभी पूरे अरब की मांग थी कि इजरायल फिलीस्तीन के कथित कब्जा किए हुए क्षेत्रों से अपनी सेना वापस बुलाए और फिलीस्तीन राज्य को मान्यता दे. इसके बाद ही अरब देश इजरायल को स्वतंत्र और संप्रभु देश की मान्यता देंगे. 

हालांकि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की पहल के बाद अरब देशों के इस स्टैंड में परिवर्तन हुआ है. पहले UAE और अब बहरीन इजरायल के साथ रिश्ते सामान्य करने पर सहमत हो गए हैं. अमेरिका के राष्ट्रपति इस शांति समझौते में व्यक्तिगत दिलचस्पी लेकर काम कर रहे हैं. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि आज एक और ऐतिहासिक कामयाबी. हमारे दो महान दोस्त इजरायल और बहरीन एक शांति समझौते के लिए सहमत हो गए हैं. 30 दिनों में इजरायल के साथ शांति समझौता करने वाला दूसरा अरब देश."

वहीं फिलीस्तीन राज्य के लिए संघर्ष करने वाले सशस्त्र संगठन हमास ने बहरीन के कदम की निंदा की है. हमास के प्रवक्ता हाजेम कासिम ने कहा कि बहरीन का इजरायल के साथ रिश्तों का सामान्य करने का फैसला फिलीस्तीन मुद्दे को भारी नुकसान पहुंचाएगा.

इजरायल को मान्यता देने वाला चौथा अरब देश 

बता दें कि 1948 में स्थापित होने वाले इजरायल को मान्यता देने वाला बहरीन चौथा अरब मुल्क है. इससे पहले मिस्र और जॉर्डन ने इजरायल को मान्यता दी है. इसके बाद इजरायल और UAE के बीच रिश्ते सामान्य हुए और अब पटरी पर बहरीन आ गया है. ये भी पढ़े

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