1 सितंबर को होगी जीएसटी की बैठक...राज्यों को दिए गए दो विकल्प

Update: 2020-08-29 13:00 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | कोरोना वायरस महामारी के कारण जीएसटी संग्रह बुरी तरह प्रभावित हुआ है। वित्त मंत्रालय ने कहा कि जीएसटी परिषद की 41वीं बैठक में चर्चा के बाद 2020-21 के लिए जीएसटी मुआवजे की आवश्यकता को पूरा करने के लिए राज्यों को दो विकल्प दिए गए हैं। राज्यों को सात दिनों के भीतर अपनी राय देनी है। एक सितंबर 2020 को केंद्रीय वित्त सचिव और राज्य वित्त सचिवों के साथ सचिव (व्यय) की बैठक होगी, जिसमें इस मुद्दे पर चर्चा की जाएगी।

जीएसटी संग्रह में 2.35 लाख करोड़ रुपये की कमी 
वित्त सचिव अजय भूषण पांडेय ने बताया कि वित्त वर्ष 2020-21 में जीएसटी संग्रह में 2.35 लाख करोड़ रुपये की कमी आई है, जिसमें से सिर्फ 97,000 करोड़ रुपये की कमी जीएसटी के क्रियान्वयन की वजह से हुई और बाकी का नुकसान कोविड-19 की वजह से हुआ है।

राज्यों को मुआवजा दिया जाना चाहिए- वित्त सचिव
वित्त सचिव अजय भूषण पांडेय ने कहा कि जीएसटी मुआवजा कानून के अनुसार, राज्यों को मुआवजा दिया जाना चाहिए। केंद्रीय सरकार ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए जीएसटी मुआवजे के रूप में 1.65 लाख करोड़ रुपये से अधिक रुपये जारी किए, जिसमें मार्च के लिए 13,806 करोड़ रुपये शामिल हैं। वित्त सचिव ने कहा कि 2019-20 के लिए जारी मुआवजे की कुल राशि 1.65 लाख करोड़ रुपये है, जबकि उपकर राशि 95,444 करोड़ रुपये थी।

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राज्यों को दिए गए ये दो विकल्प 
पहला विकल्प ये है कि राज्यों को रिजर्व बैंक से 97,000 करोड़ का स्पेशल कर्ज मिलेगा। इसपर इंट्रेस्ट रेट काफी कम लगेगा। दूसरा विकल्प ये है कि पूरा 2.35 लाख करोड़ का गैप राज्यों द्वारा रिजर्व बैंक की मदद से वहन किया जाएगा। 

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि जब किसी भी विकल्प को लेकर केंद्र और राज्य सरकार के बीच सहमति बन जाती है, तो इस दिशा में तेजी से काम हो पाएगा। यह विकल्प केवल चालू वित्त वर्ष के लिए ही है।

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