'कराची के होटल' से नवाज शरीफ के दामाद गिरफ्तार, CCTV कर खुलासा करने वाले पत्रकार एक दिन से लापता

पाकिस्‍तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के दामाद कैप्‍टन रिटायर सफदर के कराची के होटल |

Update: 2020-10-24 09:29 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| पाकिस्‍तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के दामाद कैप्‍टन रिटायर सफदर के कराची के होटल से गिरफ्तारी का सीसीटीवी फुटेज निकालने वाले जिओ टीवी के पत्रकार अली इमरान सईद एक दिन से लापता हैं। इमरान सईद शनिवार की रात करीब 8 बजे घर के पास में ही स्थित बेकरी तक गए थे और उसके बाद से नहीं लौटे हैं। इमरान सईद के नहीं लौटने से परिवार वाले तनाव में हैं और प्रधानमंत्री इमरान खान की सरकार एक बार फिर से विवादों में आ गई है।

जिओ न्‍यूज के मुताबिक इमरान सईद की कार उनके कराची स्थित घर के बाहर खड़ी है और उनका मोबाइल फोन भी घर पर है। परिवार वालों का कहना है कि पुलिस को पत्रकार के लापता होने के बारे में सूचना दी गई है। सिंध के मुख्‍यमंत्री मुराद अली शाह ने सिंध पुलिस के चर्चित आईजीपी मुश्‍ताक महार को निर्देश दिया है कि वह पत्रकार की वापसी सुनिश्चित करें।

नवाज शरीफ के दामाद की गिरफ्तारी पर पाकिस्‍तान में भूचाल, सेना के खिलाफ सिंध पुलिस का 'विद्रोह'

'पत्रकार का गायब होना अभिव्‍यक्ति की आजादी पर हमला'


इस बीच पाकिस्‍तान के विपक्षी दलों ने इमरान खान सरकार को पत्रकार के लापता होने के लिए जिम्‍मेदार बताया है। पीपीपी के चेयरमैन बिलावल भुट्टो ने कहा कि पत्रकार का गायब होना अभिव्‍यक्ति की आजादी पर हमला है। उन्‍होंने कहा कि इस तरह से पत्रकारों के लापता होने से पाकिस्‍तान की पूरी दुनिया में नकारात्‍मक छवि बनती है। पाकिस्‍तानी पत्रकारों ने इस घटना की कड़ी निंदा की है।

बता दें कि पाकिस्तान में सेना और पुलिस के बीच चल रहे टकराव और सिंध प्रांत में तनाव कम होता नहीं दिख रहा है। न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, पाकिस्तानी रेंजर्स के सिंध प्रांत के आइजी मुश्ताक मेहर के अपहरण और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के नेता सफदर अवान की गिरफ्तारी के पीछे देश के आंतरिक मंत्री ब्रिगेडियर इजाज शाह का हाथ है।

एफआईआर दर्ज करने के लिए मंत्री इजाज शाह ने दबाव बनाया

मंत्री पाकिस्तानी रेंजर्स की इन कार्रवाइयों का बचाव करते भी दिखे। उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक प्रणाली में किसी भी राजनेता को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर राष्ट्रीय संस्थानों को निशाना बनाने की अनुमति नहीं दी जा सकती। बताते हैं कि सिंध के आईजी पर पीएमएल-एन के नेता सफदर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए मंत्री इजाज शाह ने दबाव बनाया था। क्योंकि पूरे विवाद की जड़ पाकिस्तानी रेंजर्स सीधे आंतरिक मंत्रालय के अधीन कार्य करते हैं।

पाकिस्तान सरकार और सेना हाल ही में कराची की घटना को लेकर कड़ी आलोचना झेल रही हैं। नवाज शरीफ के दामाद की गिरफ्तारी का दबाव बनाने के बाद सिंध प्रांत के आईजी के अपहरण से पाकिस्तानी सेना के खिलाफ एक लड़ाई छिड़ गई है, जिससे देश में बड़ा संकट खड़ा हो गया है। सेना और पुलिस ने एक दूसरे के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

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