बंगाल Bengal। पश्चिम बंगाल में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। प्रदेश अध्यक्ष तक चुनाव हार गए हैं। टीएमसी के सिंबल पर चुनाव लड़ रहे यूसुफ पठाने ने अधीर रंजन चौधरी को बहरामपुर सीट Berhampur seat से चुनाव हराया है। उनसे जब हार के कारणों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हार तो हार ही होती है। मैंने अपनी तरफ से हरसंभव कोशिश की, लेकिन मैं सफल नहीं हो सका। मैं पांच बार सीट जीत चुका हूं। मैं सुन रहा हूं कि इस बार भाजपा को अधिक वोट मिले हैं।
एक इंटरव्यू में अधीर रंजन चौधरी Adhir Ranjan Chowdhuryने कहा कि पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ पार्टी (टीएमसी) TMC ने एक अजीब अभियान चलाया। उन्होंने कैंडिडेट Candidate बाहर से बुलाए। मुझे उस पर कोई आपत्ति नहीं है, यूसुफ पठान आए और अल्पसंख्यकों से कहने लगे कि वे ‘भाई’ को वोट दें, ‘दादा’ को नहीं। दादा का मतलब हिंदू और भाई का मतलब मुसलमान होता है। उन्होंने आगे कहा, ''लेकिन मुझे किसी से कोई शिकायत नहीं है। Yusuf Pathan एक अच्छे इंसान है : अधीर रंजन चौधरी एक अच्छे इंसान हैं। उन्होंने मेरे खिलाफ एक शब्द भी नहीं कहा। वे एक खिलाड़ी हैं और एक खिलाड़ी की तरह लड़े। हमारी लड़ाई सत्ताधारी पार्टी के खिलाफ थी। उनके पास संगठन है। सभी पंचायतों और नगर पालिकाओं पर उनका नियंत्रण है। मेरा जिला बहुत गरीब जिला है और प्रवासी श्रमिकों का केंद्र है।''
Adhir Ranjan अधीर रंजन ने कहा, "अगर किसी गरीब व्यक्ति को 1000-1200 रुपये मिलते हैं तो यह उनके लिए बड़ी राहत है। खासकर महिलाओं के लिए। उन्होंने प्रचार में कहा कि अगर टीएमसी उम्मीदवार हार जाता है तो इस योजना को बंद कर दिया जाएगा। उन्होंने डर पैदा किया।'' अधीर ने कहा कि मैं ये सब बहाने के तौर पर नहीं कह रहा हूं। मैं हार को बिना शर्त स्वीकार करता हूं।
मैंने अपनी पार्टी से कहा था कि मुझे किसी के साथ समझौता करने में कोई दिक्कत नहीं है। लेकिन मैंने उनसे कहा कि जब तक मैं बंगाल में कांग्रेस की कमान संभालूंगा, तब तक पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कोई समझौता नहीं करेंगी। मैंने पार्टी से कहा कि किसी नए व्यक्ति को प्रदेश अध्यक्ष को नियुक्त करें और उनसे सीधे बात करें। मुझे कोई समस्या नहीं होगी। लेकिन अगर वे मुझे पार्टी का चेहरा बनाकर टीएमसी से बात करेंगे, तो कोई समझौता नहीं होगा।