जेब से मिले चार अक्षरों ने कैसे खोला हत्या का राज, जानकर रह जाएंगे दंग

Update: 2024-08-09 08:08 GMT
Crime News: लाश पूरी तरह से सड़ चुकी थी। कोई पहचान का चिन्ह भी नजर नहीं आ रहा था। मोबाइल फोन और दूसरा सामान भी नहीं मिला था। पुलिस परेशान थी कि आखिर इस मिस्ट्री को कैसे सुलझाए। तभी पुलिस के हाथ लगा एक ऐसा सुराग, जिससे सारे राज परत-दर-परत खुलते चले गए। फिर तो हत्या का मामला भी खुला और आरोपी भी गिरफ्तार हो गए। आखिर कौन था वह शख्स, किसने और क्यों की थी हत्या और क्या मिला सुराग, जिसके दम पर अनजान लाश से जुड़े सभी रहस्य सामने आ गए। आइए जानते हैं क्या है पूरी कहानी... इसी साल 10 मई की रात पेल्हार पुलिस थाने के अधिकारियों को नालासोपारा
 Nalasopara
 में नाले से एक अनजान लाश मिली। पुलिस ने एक्सीडेंटल मौत का केस दर्ज कर लिया। हालांकि जब पोस्टमार्टम रिपोर्ट आई तो पता चला कि मौत सिर में गंभीर चोट लगने के चलते हुई है। इसके बाद हत्या का केस दर्ज किया गया। इसके बाद पुलिस ने तफ्तीश शुरू की, लेकिन कोई ठोस सबूत हाथ लग नहीं रहा था। यहां तक कि लाश सड़ी हुई थी, मोबाइल फोन भी नहीं था और उसके पास से पहचान का दूसरा कोई कागज भी नहीं मिला। तभी पुलिस के हाथ लगती है एक चिट। मरने वाले के पैंट की जेब से मिली इस चिट पर लिखे थे ‘चार अक्षर’। यह चार अक्षर थे ‘ईएसईएल’। अब पुलिस की खोजबीन इन्हीं चार अक्षरों इर्द-गिर्द आकर टिक जाती है। पेल्हार पुलिस थाने की टीम इंटरनेट पर जब इन अक्षरों को सर्च किया तो उन्हें इससे जुड़े 150 से ज्यादा फोन नंबर मिले। इसके बाद पुलिस ने एक-एक नंबर पर कांटैक्ट करना शुरू किया और उसका संपर्क हुआ मुंबई के मानखुर्द स्थित एसेल स्टूडियो से। जब पुलिस टीम स्टूडियो पहुंची तो पता चला वहां काम करने वाला 27 वर्षीय संतोष कुमार 7 मई से गायब है। संतोष आउटडोर फिल्म शूट के लिए जूनियर आर्टिस्ट प्रोवाइड कराता था।
पुलिस ने मामले में आगे जांच शुरू की। इस दौरान पता चला कि आखिरी बार संतोष की बात एक लड़की से जुई थी जो जूनियर आर्टिस्ट है। पुलिस जब लड़की के पास पहुंची तो उसने बताया कि संतोष को उसने आखिरी बार उसके दोस्तों सनी सुनील सिंह और राहुल सोहन पाल के साथ देखा था। यह दोनों भी Film Industry फिल्म इंडस्ट्री में काम करते हैं। तीन दिन बाद पुलिस ने सुनील सिंह को ठाणे से गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद हुआ संतोष की हत्या का सनसनीखेज खुलासा। सुनील ने बताया कि उसने अपने दोस्त पाल की मदद से संतोष को मारा था। पुलिस के मुताबिक सुनील ने बताया कि संतोष को एक फिल्म शूट के लिए बड़ी संख्या में जूनियर आर्टिस्ट मुहैया कराने का काम मिला था। इस बात से सुनील काफी दुखी था और गुस्से में संतोष को मारने का फैसला कर लिया। इसके बाद 7 मई को सुनील और पाल ने संतोष को कांट्रैक्ट मिलने की खुशी में पार्टी के लिए बुलाया। दोनों उसे लेकर नालासोपारा पहुंचे और पुल के पास उसके सिर पर पत्थर मारकर हत्या कर दी। इसके बाद लाश को नाले में फेंक दिया। पुलिस ने पहले सुनील और उसके बाद पाल को गिरफ्तार कर लिया।
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