मौसम से जुड़ी ये खबर पढ़कर आप भी हो जाएंगे चिंतित, भविष्य के लिए खतरा

Update: 2023-09-18 02:10 GMT

दिल्ली। मॉनसून पर जलवायु खतरे कई प्रकार से दिखाई दे रहे हैं। एक तरफ शुष्क इलाकों में ज्यादा बारिश हो रही है तो ज्यादा बारिश वाले इलाकों में यह घट रही है। रिमझिम बारिश के दिन भी कम हो रहे हैं और भारी बारिश की घटनाएं बढ़ रही हैं। इसी कड़ी में यह पाया गया है कि मॉनसून ब्रेक के दिनों की संख्या बढ़ रही है।

भारतीय मौसम विभाग मॉनसून पर जलवायु प्रभावों का अध्ययन कर रहा है। इसी कड़ी में यह देखा गया है कि मॉनसून ब्रेक के दिन लगातार बढ़ रहे हैं जिससे सीजन के दौरान सक्रिय मॉनसून के दिनों की संख्या में कमी आ रही है। विभाग ने अगस्त महीने के मॉनसून ब्रेक को लेकर पाया कि 1976 के बाद से अगस्त 2023 में सबसे ज्यादा मॉनसून ब्रेक दिन दर्ज किए गए हैं। जबकि इस मामले में 1976 से पहले का रिकार्ड विभाग के पास नहीं है। इस प्रकार अब तक सर्वाधिक मॉनसून ब्रेक दिवस अगस्त में दर्ज किए गए हैं।

मौसम विभाग के अनुसार 1976 में अगस्त महीने में मॉनसून ब्रेक के कुल 4 दिन रिकार्ड किए गए हैं। लेकिन 2023 के अगस्त में ऐसे 19 दिन रहे हैं। इससे पूर्व 1979 में एक बार ऐसा मौका आया था जब अगस्त में 17 दिन मॉनसून ब्रेक के रहे थे। करीब-करीब यही स्थिति 2005 में भी रही थी। लेकिन इस साल अगस्त में पुराने सभी रिकार्ड ध्वस्त हो गए। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार जब मॉनसून ब्रेक के दिन बढ़ते हैं तो इसका सीधा मतलब होगा कि बारिश के दिनों की संख्या कम होगी। मॉनसून के बीच में ब्रेक होना कोई अस्वाभाविक नहीं है। लेकिन आदर्श स्थिति में अधिकतम पांच-छह दिनों का ही ब्रेक एक महीने में होना चाहिए। लेकिन यह तीन गुना तक ज्यादा हो रहा है।

इसका सीधा असर बारिश की कमी पर पड़ता है। दूसरे बारिश कम होने से गर्मी बढ़ने लगती है। बता दें कि इस बार अगस्त में सबसे कम बारिश रिकार्ड की गई थी और भारत में ही नहीं पूरी दुनिया में अगस्त के महीने को सबसे ज्यादा गर्म महीना रिकार्ड किया गया था।


Tags:    

Similar News

-->