मैनपुरी के चुनावी दंगल में तौले जा रहे योगी और मुलायम

Update: 2022-11-29 07:45 GMT

उत्तर प्रदेश। मैनपुरी सीट पर हो रहे लोकसभा उपचुनाव की सरगर्मी काफी तेज है। दिन कम बचे हैं ऐसे में राजनीतिक दल अपने अपने पाले में वोट खींचने में लगे हैं। आम लोग सबकी बात सुन रहे हैं। अपनी कह रहे हैं। लेकिन यहां के चुनावी दंगल में योगी की कानून व्यवस्था और सपा संस्थापक मुलायम सिंह के विकास कार्यों को जनता तौल रही है। एक बात तो साफ है कि सपा भाजपा का मुकाबला काफी कड़ा है। कोई नेता जी के विकास को याद कर रहा है। तो वहीं दुरुस्त कानून व्यवस्था की बात कर भाजपा को आस बंधा रहे हैं।

सौज चौराहे एक चाट के ठेले पर खड़े कमलेश यादव और गिरधर पाल आपस में वाद प्रतिवाद कर रहे थे। कमलेश ने क्षेत्र में मुलायम के कामों की लंबी चौड़ी लिस्ट रख दी। गिरधर ने डबल इंजन सरकार का नफा नुकसान समझाते रहे। वहीं बगल में खड़े रामू कठेरिया बोल पड़े, भले हमारे घर के नौजवानों को रोजगार न मिल रहा हो, पर यहां होने वाली गुंडागर्दी बंद है। सपा की सरकार में एक वर्ग विशेष के लोग हावी रहते थे। वो आज कल ठंडे बस्ते में बैठे हैं। इसी गांव में आगे बढ़ें तो अनार सिंह कहते हैं कि सपा की सरकार में एक जाति विशेष को बढ़ावा मिलता था उन्हीं को नौकरी भी मिलती थी। अब यह बंद हो गया है। राशन भी मिल रहा है।

पास में खड़े अखिलेश यादव कहते हैं कि इस इलाके में जितनी रोड पानी की व्यवस्था दिख रही है वो सब नेता जी की देन है। 2017 के बाद रोड में इतने गड्ढे हो गए हैं। किसी भाजपा नेता को दिख नहीं रहा है। कोई झांकने नहीं आता सिर्फ चुनाव में दिखते हैं। पास में खड़े रामकुमार फौज की तैयारी में लगे हैं। सरकार की अग्निवीर योजना के खिलाफ बोलते हुए कहा कि मन लगाकर तैयारी करो नौकरी मिलेगी महज चार साल। इससे नौजवानों का कोई भला नहीं होगा। सरकार को पुन: बहाली करनी पड़ेगी।

रामदेव मिश्रा रोज रोज चुनाव से बढ़ रही मंहगाई से काफी खिन्न थे। बगल में खड़े रामकिशोर ने बात काटते हुए कहा कि मैनपुरी में नेता जी राजकीय विद्यालय सैनिक स्कूल से लेकर तमाम सुविधाएं दी हैं। सपा सरकार ने काफी काम किया है। बगल में खड़े रामू बघेल कहते हैं कि बाबा की सरकार ठीक है पहले शाम ढलते ही डर लगने लगता था पर अब ऐसा नहीं है। उनकी बात से रामप्यारे सहमत दिखे।

गांव के छून्नू वाल्मिकी को आज भी सरकार से अपने लिए आवास की दरकार है। कहते हैं कि कई बार दौड़ भाग कर चुके पर सुनने वाला कोई नहीं। आज भी झोपड़ी में रह रहे हैं। राशन भी मिलने में परेशान होना पड़ रहा है। ऑनलाइन का चक्कर बहुत खराब है। सैफई के अनुज ने सीधा कहा कि यहां तो वोट सिर्फ नेता जी के काम को मिलेगा। इस बार उनके न रहने पर सहनुभूति भी है उनके परिवार ने इस गांव के लिए बहुत कुछ किया है। जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता है। यहीं के दिवाकर कृषि करते हैं, बताते हैं कि खाद के लिए परेशान होना पड़ रहा है। जब डबल इंजन की सरकार है तो लाभ क्यों नहीं मिल रहा। करहल के रामबरन कहते हैं कि यहां पर योगी मोदी बनाम नेता जी के परिवार का मुकाबला है। चुनाव बड़ा रोचक है।

मैनपुरी सदर लोग अपनी चुप्पी तोड़ते दिखे। रवि कहते हैं कि यहां आजादी के बाद से बेरोजगारी दूर करने के प्रयास नहीं हुए। यहां के लोगों ने जो रोजगार किया उसमें सरकारों ने लिए मदद नहीं की है। रमेश ने कहा कि यहां चावल और आलू का बड़ा उद्योग लगाने की जरूरत है। रामकरण कहते हैं कि यहां पर रेल सेवाओं में काफी परेशानी है जो भी सांसद बने इस पर ध्यान दें।

--आईएएनएस

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