यति नरसिंहानंद ने जमकर की थी भड़काऊ बयानबाजी, अब राज्यसभा में हुआ हंगामा, जानिए पूरी वजह

Update: 2022-04-06 08:47 GMT

नई दिल्ली: राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने नरसिंंहानंद की हेट स्पीच का मामला उठाया. उन्होंने नरसिंंहानंद ने भड़काऊ भाषण का जिक्र किया, लेकिन राज्यसभा के सभापति ने उन्हें बोलने नहीं दिया, क्योंकि उन्ही शब्दों का प्रयोग मल्लिकार्जुन खड़गे ने संसद में कर दिया था.

विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि उन्होंने नियम 267 के तहत, देश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ बढ़ रहे हेट स्पीच के मामलों और पत्रकारों के प्रताड़ित किए जाने को लेकर नोटिस दिया है. ऐसे मामले बढ़ते जा रहे हैं और स्वामी इस तरह के विवादित भाषण दे रहे हैं. इसके साथ ही उन्होंने रविवार को दिल्ली में नरसिंंहानंद की मुसलमानों के खिलाफ दी गई टिप्पणी का भी जिक्र किया.
इसपर सभापति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि इस तरह की टिप्पणी रिकॉर्ड में नहीं जाएगी. समुदाय से जुड़ी इस तरह की कोई बात रिकॉर्ड में नहीं जाएगी. तब मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि ये तो स्वामी के शब्द हैं.
इसपर सभापति ने कहा कि अगर स्वामी ने बेमतलब के शब्दों का इस्तेमाल किया है, तो हम उन्हें यहां इस्तेमाल नहीं कर सकते. आप इसे सदन में उठा रहे हैं और इस पर बहस कर रहे हैं कि किसने क्या कहा. यह सही नहीं है, इससे समस्या का हल नहीं होगा. सभापति ने कहा कि मैं इसकी इजाजत नहीं देता. किसी को भी, किसी भी तरह की हेट स्पीच में शामिल नहीं होना चाहिए, चाहे वह अल्पसंख्यक हों या बहुसंख्यक. समुदायों के खिलाफ नफरत नहीं फैलानी चाहिए. किसी को भी किसी के खिलाफ नफरत भरी भाषा का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.
इसके बाद सभापति ने नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को बोलने नहीं दिया और सभा की कार्यवाही आगे बढ़ा दी.
आपको बता दें कि दिल्ली के बुराड़ी मैदान में हुई हिंदू महापंचायत में महंत यति नरसिंहानंद ने जमकर भड़काऊ बयानबाजी की. यति नरसिंहानंद ने कहा कि मर्द वही है जो अपने पास हथियार रखे और उनसे प्यार करे. नरसिंहानंद ने कहा कि जैसे कश्मीरी अपनी जमीन जायदाद बहन बेटियों को छोड़कर भागे थे, आने वाले वक्त में ठीक ऐसा ही नजारा देश की अन्य जगहों पर भी होगा.
यति धर्म संसद में मौजूद लोगों को भड़काते हुए बोले- '2029, नहीं तो 2034, नहीं तो 2039 तक इस देश का प्रधानमंत्री मुस्लिम जरूर होगा. नरसिंहानंद ने कहा कि राम जन्मभूमि को कोर्ट की लड़ाई के बाद हमने जीत लिया है और वहां मंदिर भी बन रहा है लेकिन इस देश के हर मुसलमान ने कसम खाई है कि जब देश का निजाम बनेगा तब सबसे पहला काम राम मंदिर को तोड़ने का करेंगे.
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