मुजफ्फरनगर। मुजफ्फरनगर की गैंगस्टर कोर्ट ने 3 आरोपियों को दोषी ठहराते हुए 7-7 साल कैद की सजा सुनाई है। कोर्ट ने तीनों दोषियों पर 30-30 हजार का जुर्माना भी लगाया है। हालांकि तीनों आरोपियों को एससी एसटी कोर्ट 10 अप्रैल को रेप के बाद दलित युवती के साथ उसके 6 वर्षीय भांजे की हत्या के मामले बरी कर चुकी है। वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी संदीप सिंह एवं विशेष लोक अभियोजक दिनेश सिंह पुंडीर और राजेश शर्मा ने बताया कि 19 दिसंबर 2017 को लुहारी गाँव निवासी वादी की 18 वर्षीय पुत्री और 6 वर्षीय धेवता दिन मे खेत मे गन्ना छिलने गए थे। लेकिन खेत पर नहीं पहुँचे और रास्ते से ही गायब हो गए।
काफी तलाशने पर भी नहीं मिलें तो घटना के अगले दिन दोनों के शव गाँव मे ही तेजवीर के खेत मे मिलें। दोनों शवों में बिटिया की गर्दन आधी कटी थी। जबकि 6 वर्षीय बच्चे की गर्दन धड़ से अलग थी, वादी पिता ने इस घटना की सूचना पुलिस को दी, पुलिस ने अभियोग पंजीकृत कर विवेचना आरम्भ की, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बिटिया से बलात्कार की पुष्टि हुई। पुलिस ने गहन विवेचना करते हुए गांव लुहारी के ही 3 अभियुक्तों मुकम्मिल पुत्र शमशाद, जानू उर्फ जान आलम पुत्र यामीन, फड्ड्ड उर्फ़ शराफ़त पुत्र लियाकत को जेल भेजा।
थाना चरथावल पुलिस ने तीनों आरोपियों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत भी कार्रवाई की थी। रेप और दलित युवती तथा उसके भांजे की हत्या में पुलिस ने 10 अप्रैल को तीनों आरोपियों को बरी कर दिया था। बताएगी गैंगस्टर एक्स में दर्ज मुकदमे की सुनवाई विशेष गैंगस्टर एक्ट कोर्ट तेजाजी अशोक कुमार ने की। वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी संदीप सिंह एवं विशेष लोक अभियोजक दिनेश सिंह पुंडीर और राजेश शर्मा ने बताया कि दोनों पक्ष की सुनवाई करने के बाद गैंगस्टर एक्ट कोर्ट के जज अशोक कुमार ने सोमवार को तीनों आरोपियों को गैंगस्टर में दोषी ठहराया था। मंगलवार को कोर्ट में सजा के प्रशन पर बहस हुई। कोर्ट ने दोनों पक्ष की बहस सुनने के बाद तीनों आरोपियों को 7-7 साल कैद की सजा सुनाई। तीनों दोषियों पर 30-30 हज़ार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया।