नई दिल्ली: प्रतिबंधित संगठन जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के चीफ यासीन मलिक को टेरर फंडिंग के केस में थोड़ी देर में सजा सुनाई जाएगी. दिल्ली की NIA कोर्ट ने सजा को लेकर फैसला सुरक्षित रख लिया है. बताया जा रहा है कि NIA ने यासीन मलिक को सजा ए मौत देने की मांग की है. इससे पहले गुरुवार को कोर्ट ने टेरर फंडिंग मामले में दोषी ठहराया था. यासीन मलिक ने सुनवाई के दौरान कबूल कर लिया था कि वह कश्मीर में आतंकी गतिविधियों में शामिल था.
यासीन मलिक के वकील के मुताबिक उनकी प्रॉपर्टी के बारे में पता चला है. मलिक के पास 11 कनाल यानी करीब 5564 वर्ग मीटर जमीन है, जो उसने पुश्तैनी बताई है.
इससे पहले यासीन मलिक को दिल्ली की पटियाला कोर्ट लाया गया. कोर्ट में सजा पर बहस हुई. इसके बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया. पटियाला कोर्ट परिसर की सुरक्षा को बढ़ा दिया गया है. पटियाला कोर्ट के बाहर CAPF, स्पेशल सेल के जवानों की तैनाती की गई है.
कोर्ट रूम में मौजूद वकील फरहान ने बताया कि यासीन मलिक ने कोर्ट में कहा की वो सजा पर कुछ नही बोलेगा. कोर्ट दिल खोल कर उसको सजा दे. मलिक ने कहा, मेरी तरफ से सजा के लिए कोई बात नहीं होगी. वहीं, NIA ने यासीन मलिक को फांसी देने की मांग की. इसके बाद यासीन मलिक 10 मिनट तक शांत रहा. यासीन मलिक ने कोर्ट में कहा कि मुझे जब भी कहा गया मैंने समर्पण किया, बाकी कोर्ट को जो ठीक लगे वो उसके लिए तैयार है.
कोर्ट ने माना है कि मलिक ने 'आजादी' के नाम जम्मू कश्मीर में आतंकवादी और अन्य गैरकानूनी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए धन जुटाने के मकसद से दुनिया भर में एक नेटवर्क स्थापित कर लिया था. NIA ने स्वत: संज्ञान लेते हुए इस मामले में 30 मई 2017 को केस दर्ज किया था. इस मामले में एक दर्जन के अधिक लोगों के खिलाफ 18 जनवरी 2018 को चार्जशीट फाइल की गई थी.
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने कोर्ट में कहा था, लश्कर-ए-तैयबा, हिजबुल मुजाहिदीन, जेकेएलएफ, जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों ने पाकिस्तान की आईएसआई के समर्थन से नागरिकों और सुरक्षाबलों पर हमला करके घाटी में बड़े पैमाने पर हिंसा को अंजाम दिया.