हार के बाद यशवंत सिन्हा का बड़ा बयान

Update: 2022-07-26 07:14 GMT
न्यूज़ क्रेडिट: हिंदुस्तान 

कोलकाता: राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू के मुकाबले हार के बाद यशवंत सिन्हा फिलहाल राजनीतिक पारी को विराम देने के मूड में दिख रहे हैं। उनका कहना है कि वह किसी राजनीतिक दल में शामिल नहीं होंगे। उम्र का हवाला देते हुए कहा कि अब मैं 84 साल का हो गया हूं और यह देखा होगा कि आगे क्या कर पाऊंगा। पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा, 'मुझे देखना होगा कि (सार्वजनिक जीवन में) मैं क्या भूमिका निभाऊंगा, मैं कितना सक्रिय रहूंगा। मैं अब 84 साल का हूं, तो ये समस्याएं हैं। मुझे देखना होगा कि मैं कितने लंबे समय तक काम कर सकता हूं।' उन्होंने कहा कि वह किसी अन्य राजनीतिक दल में शामिल नहीं होंगे।

हाल में हुए राष्ट्रपति पद के चुनाव में कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस सहित गैर भाजपा दलों के संयुक्त उम्मीदवार सिन्हा को एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। सिन्हा ने राष्ट्रपति पद के चुनाव से पहले तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया था। यशवंत सिन्हा ने कहा कि उन्होंने अभी यह फैसला नहीं किया है कि वह अब सार्वजनिक जीवन में क्या भूमिका निभाना चाहते हैं। उन्होंने कहा, 'मैं निर्दलीय रहूंगा और किसी अन्य दल में शामिल नहीं होऊंगा।' यह पूछे जाने पर कि क्या वह तृणमूल के नेतृत्व के संपर्क में हैं, सिन्हा ने 'नहीं' में जवाब दिया।
उन्होंने कहा कि किसी ने मुझसे बात नहीं की, मैंने किसी से बात नहीं की। हालांकि उन्होंने यह जरूर कहा कि निजी तौर टीएमसी के एक नेता उनके संपर्क में हैं। पूर्व वित्त मंत्री ने कहा, 'मुझे देखना होगा कि (सार्वजनिक जीवन में) मैं क्या भूमिका निभाऊंगा, मैं कितना सक्रिय रहूंगा। मैं अब 84 साल का हूं, तो ये समस्याएं हैं। मुझे देखना होगा कि मैं कितने लंबे समय तक काम कर सकता हूं।' भाजपा के धुर आलोचक सिन्हा पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से कुछ दिन पहले मार्च 2021 में तृणमूल में शामिल हो गए थे। वह 2018 में भाजपा से अलग हो गए थे। हालांकि उनके बेटे जयंत सिन्हा अब भी भाजपा में हैं और पार्टी के सांसद हैं।

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