नई दिल्ली। पहाड़ों पर हो रही भारी बारिश का असर अब मैदानी इलाकों में नजर आने लगा है। आलम यह है कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एकबार फिर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। दिल्ली में यमुना का जलस्तर फिर खतरे के निशान 205.33 मीटर के करीब पहुंच गया है। मंगलवार देर शाम 8 बजे यमुना का जलस्तर वार्निंग लेवल 204.33 मीटर को पार करके 205.12 मीटर तक पहुंच गया था। अधिकारियों के मुताबिक, अगले 24 घंटे में यमुना का जलस्तर में फिर मामूली बढ़ोत्तरी होगी। यमुना के जलस्तर को खतरे के निशान को पार कर जाएगी।
यमुना के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए सभी राहत बचाव टीमों को अलर्ट कर दिया गया है। बाढ़ एवं सिंचाई नियंत्रण विभाग के मुताबिक पहाड़ों पर हुई भारी बारिश के बाद लगातार हथिनी कुंड बैराज से लगातार हर घंटे हजारों क्यूसेक लीटर पानी छोड़े जाने के कारण यमुना का जलस्तर बढ़ा है। पूर्वानुमान है कि 16 अगस्त को तड़के यमुना का जलस्तर में और बढ़ोत्तरी होगी। अधिकारियों का कहना है कि बहुत कुछ हथिनी कुंड बैराज से छोड़े जाने वाले पानी की मात्रा पर भी निर्भर करेगा। अभी हर घंटे हथिनी कुंड बैराज से 50 से 70 हजार क्यूसेक लीटर पानी छोड़ा जा रहा है। दिल्ली सरकार के सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि नदी के किनारे कुछ स्थानों पर हल्की बाढ़ आ सकती है। अभी गंभीर स्थिति की संभावना नहीं है। कुल मिलाकर पहाड़ों पर होने वाली बारिश भी हालात को तय करेंगी।
यमुना में जलस्तर बढ़ने के साथ ही राहत बचाव कार्य के लिए तैनात टीमों को अलर्ट कर दिया गया है। वोट क्लब को यमुना खादर में रह रहे लोगों को सूचित करने का निर्देश दिया गया है। किसी को भी यमुना की तरफ जाने के लिए मना कर दिया गया है। अधिकारियों के मुताबिक हमारी गोताखोरों की टीम यमुना के किनारे पर नजर बनाएं हुए है। लोगों को उद्घोषणा के जरिए यमुना के जलस्तर में बढ़ोत्तरी के बारे में सूचित किया जा रहा है। फिलहाल किसी भी तरह का खतरा नहीं है। बताते चले इस मौसम में यमुना के जलस्तर बढ़ने का सिलसिला जारी है। एक माह पहले यमुना में जलस्तर बढ़ने के कारण दिल्ली में बाढ़ आई थी। यमुना का जलस्तर रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच गया था। उसके बाद लगातार यमुना का जलस्तर एक सप्ताह से अधिक समय तक खतरे के निशान से ऊपर था। अभी पानी निकलने के लिए बाद लोग वापस डूब क्षेत्र में दोबारा से जिंदगी शुरू कर रहे थे लेकिन मंगलवार को फिर यमुना का जलस्तर बढ़ने के कारण लोगों की मुश्किल बढ़ने वाली है।
सनद रहे मौसम विभाग ने पंजाब और हरियाणा में जोरदार बारिश का अलर्ट जारी किया है। हरियाणा में होने वाली भारी बारिश से भी यमुना का जलस्तर बढ़ सकता है। बता दें कि हिमाचल प्रदेश में बारिश के कारण हुए हादसों में कम से कम 53 लोगों की मौत हो गई है। बीते दो दिनों के दौरान मूसलाधार बारिश ने उत्तराखंड को भी बेहाल कर दिया है। दोनों ही पहाड़ी राज्यों में बड़ी संख्या में इमारतें नष्ट हो गई हैं जबकि भूस्खलन के कारण बद्रीनाथ, केदारनाथ और गंगोत्री मंदिरों तक जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग टूट गए हैं। पहाड़ों पर बारिश के कारण ज्यादातर नदियां उफान पर हैं। टिहरी, हरिद्वार और ऋषिकेश में गंगा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। देहरादून में आपदा नियंत्रण कक्ष की ओर से साझा की गई जानकारी के मुताबिक, अलकनंदा और मंदाकिनी रुद्रप्रयाग, श्रीनगर और देवप्रयाग में खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं। बता दें कि जुलाई महीने में दिल्ली को अभूतपूर्व बाढ़ का सामना करना पड़ा था। 13 जुलाई को यमुना रिकॉर्ड 208.66 मीटर तक बढ़ गई थी। उस समय यमुना ने अपना पिछला रिकॉर्ड तोड़ दिया था।