यमराज को हुआ कोरोना, यमलोक पहुंचाने वाले की रिपोर्ट आई पॉजिटिव, जानिए क्या है पूरा माजरा
लोगों के प्राण हर कर उन्हें यमलोक पहुंचाने वाले ‘यमराज’ इस समय होम आइसोलेशन में हैं.
जबलपुर. लोगों के प्राण हर कर उन्हें यमलोक पहुंचाने वाले 'यमराज' इस समय होम आइसोलेशन में हैं. उन्हें कोरोना संक्रमण हो गया है. जी हां, सुनने में आपको अजीब लगेगा, लेकिन यह हकीकत है कि 'यमराज' कोरोना पॉजिटिव हो गए हैं. अब वे ठीक होने के बाद ही लोगों के बीच आएंगे और उन्हें दर्शन देंगे.
गौरतलब है कि, कोरोना महामारी के बेकाबू होने के बीच सड़कों पर घूम-घूम कर उन्हें संभलकर रहने की सलाह देने वाले यमराज यानी कमलेश यादव 2 हफ्ते से घर में ही कैद हैं. 6 मई को उनकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. वे संक्रमण के बीच लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क और सैनिटाइजर का उपयोग करने की सलाह दे रहे थे. कमलेश बीते 1 महीने से जबलपुर शहर के विभिन्न थाना क्षेत्रों में पुलिस के साथ मिलकर वे नुक्कड़ नाटक के माध्यम से लोगों को जागरूक कर रहे थे.
बता दें, शहर के कलाकार कमलेश यादव कई सालों से नुक्कड़ नाटक में यमराज और अन्य किरदार निभाते आ रहे हैं. साल 2020 में जब कोरोना संक्रमण की शुरुआत हुई थी उस समय भी उन्होंने अपनी आवाज और अदाकारी के माध्यम से यमराज को धरती पर जीवंत किया था. उनके संक्रमित होने के बाद भी उन्होंने लोगों से यही अपील की है कि कोरोना गाइडलाइन का पूरा पालन करें और घर में सुरक्षित रहें.
कोरोना महामारी के बीच देश प्रदेश में म्यूकोरमायकोसिस यानि ब्लैक फंगस नाम की बीमारी के मामले तेजी से सामने आ रहे हैं. बात प्रदेश की करें तो भोपाल,इंदौर के साथ ही जबलपुर में भी इस बीमारी की दस्तक ने स्वास्थ्य विभाग के नींद उड़ा दी है. क्योंकि इससे मौत भी शुरू हो गयी है. ऐसे में इस बीमारी से जूझने स्वास्थ्य विभाग कई तरह के प्रयास कर रहा है.
जबलपुर के डॉ अमरेंद्र पांडे इस बीमारी को समय रहते रोकने के लिए बेहद सस्ता और सुलभ इलाज बता रहे हैं. डॉ अमरेंद्र खुद अपने निजी हॉस्पिटल में भर्ती कोरोना संक्रमित मरीजों को इस इलाज के जरिए ब्लैक फंगस जैसी भयानक बीमारी से बचाने की कोशिश कर रहे हैं. यह इलाज और उपाय है मिथलीन ब्लू. उनका कहना है मिथलीन ब्लू दवाई एंटी फंगल का काम करती है और आसानी से उपलब्ध भी हो जाती है.
डॉ अमरेंद्र पांडे का दावा है कि यह एक्सपेरिमेंट कारगर साबित हुआ है. मिथलीन ब्लू से हर कोई वाकिफ है. यह वह दवाई है जिसे माइनिंग करने वाले और पर्वतारोहियों को ऑक्सीजन लेवल बढ़ाने के लिए दिया जाता है. बहुत कम मात्रा में दी जाने वाली यह दवाई ऑक्सीजन लेवल बढ़ाती है. साथ ही एंटी फंगस का भी काम करती है. इसके साथ ही घरो में उपयोग होने वाले एक्यूरियम में भी मछलियों को फंगस से बचाने में इस दवाई की ड्रॉप का उपयोग किया जाता है.
डॉ अमरेंद्र के अनुसार उनके अस्पताल के साथ ही जबलपुर के एक दर्जन से ज्यादा अस्पतालों ने इसका प्रयोग शुरू किया है. जिसके अच्छे परिणाम भी सामने आने लगे हैं. हालांकि वो भी चेतावनी देते हैं कि इस दवाई का उपयोग करने वक्त वेंटिलेटर और ऑक्सीजन सपोर्ट पर लिए गए मरीजों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है. इस दवाई को मरीज़ के शरीर तक पहुंचाने वाली वाली वेंटिलेटर ट्यूब और ऑक्सीजन ट्यूब को क्लीन करते रहना चाहिए. इससे फंगस का जन्म ही नहीं हो पाता. ऐसे हालातों में मरीज पूरी तरह से सुरक्षित हो जाता है. इस दवाई की सिर्फ दो डोज के उपयोग मात्र से चौंकाने वाले परिणाम देखने मिल रहे हैं.