पहलवानों को मिला 1983 वर्ल्ड कप विजेता क्रिकेटर्स का समर्थन

Update: 2023-06-02 12:25 GMT

नई दिल्ली। 1983 विश्व कप विजेता भारतीय क्रिकेट टीम के सदस्यों ने शुक्रवार को पहलवानों के समर्थन किया है। उन्होंने पहलवानों से आनन फानन में कोई फैसला नहीं लेने का अनुरोध किया और उम्मीद जताई कि उनके मसलों को सुना जायेगा और उसका हल निकाला जाएगा। एक संयुक्त बयान में 1983 विश्व कप विजेता टीम ने कहा कि वे चैंपियन पहलवानों के साथ बदसलूकी की तस्वीरें देखकर काफी व्यथित हैं। लेकिन उन्हें उम्मीद है कि कानून अपना काम करेगा।

भारतीय कुश्ती महासंघ के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह को कथित यौन उत्पीड़न के आरोपों में गिरफ्तार करने की मांग को लेकर विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया 30 मई को हरिद्वार गए थे लेकिन पदकों को गंगा में विसर्जित नहीं किया। दिल्ली पुलिस ने 28 मई को प्रदर्शनकारी पहलवानों को कानून और व्यवस्था बिगाड़ने के आरोप में हिरासत में लिया था जब वे अनुमति के बिना नयी संसद की तरफ मार्च कर रहे थे। पुलिस ने जंतर मंतर पर से उनका सामान भी हटा दिया और कहा कि पहलवानों को अब वहां प्रदर्शन के लिए लौटने की अनुमति नहीं मिलेगी।

1983 विश्व कप विजेता टीम ने जारी बयान में कहा, ‘हम चैंपियन पहलवानों के साथ बदसलूकी की तस्वीरें देखकर काफी परेशान हैं। हमें इसकी काफी चिंता है कि वे मेहनत से जीते गए पदकों को गंगा में बहाने की सोच रहे हैं। इन पदकों के पीछे बरसों के प्रयास, बलिदान, समर्पण और मेहनत शामिल है। वे उनका ही नहीं बल्कि देश का गौरव हैं। हम उनसे अनुरोध करते हैं कि इस मामले में आनन फानन में फैसला नहीं ले और हम उम्मीद करते हैं कि उनकी शिकायतें सुनी जाएंगी और उनका हल निकाला जायेगा। कानून को अपना काम करने दीजिये।’ कपिल देव की कप्तानी में विश्व कप 1983 जीतने वाली टीम में सुनील गावस्कर, मोहिदर अमरनाथ, के श्रीकांत, सैयद किरमानी, यशपाल शर्मा, मदन लाल, बलविंदर सिंह संधू, संदीप पाटिल, कीर्ति आजाद और रोजर बिन्नी थे। कपिल ने कहा,‘मैं व्यक्तिगत तौर पर कुछ नहीं कहूंगा। 1983 की पूरी टीम का समर्थन उस बयान को है जो हमने जारी किया है।’

इससे पहले अनिल कुंबले, रॉबिन उथप्पा और इरफान पठान जैसे पूर्व क्रिकेटरों ने भी पहलवानों का समर्थन किया था। सक्रिय क्रिकेटरों ने अभी तक इस पर कोई बयान नहीं दिया है। भालाफेंक में ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता नीरज चोपड़ा और ओलिंपिक की व्यक्तिगत स्पर्धा में भारत के लिये पहला पदक जीतने वाले निशानेबाज अभिनव बिंद्रा ने भी नाराजगी जताई थी कि पहलवानों को इंसाफ के लिये सड़कों पर उतरना पड़ रहा है।


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