पहलवानों का विवाद: अदालत ने दिल्ली सरकार से जवाब मांगा, नाबालिगों की याचिका पर कौन सी अदालत सुनवाई करेगी

Update: 2023-05-30 10:21 GMT
नई दिल्ली (आईएएनएस)| दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को आप के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार और उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल से जवाब मांगा है कि कौन सी अदालत भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) प्रमुख और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ अदालत की निगरानी में जांच की मांग करने वाली नाबालिग पहलवानों की याचिकाओं पर विचार करेगी।
पहलवानों ने अदालत की निगरानी में जांच की मांग को लेकर निचली अदालत का दरवाजा खटखटाया था। हालांकि, राउज एवेन्यू कोर्ट ने स्पष्टीकरण के लिए एक संचार भेजा कि क्या वह मामले से निपट सकता है या इसे यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पोक्सो) अदालत के साथ होना चाहिए, जो कि पटियाला हाउस कोर्ट है।
न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा की पीठ ने उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल और दिल्ली सरकार के प्रधान सचिव को अपनी प्रतिक्रिया दर्ज करने का निर्देश दिया और मामले को 6 जुलाई को विचार के लिए सूचीबद्ध किया। 23 अप्रैल से, ओलंपिक और विश्व चैंपियनशिप में गौरव हासिल करने वाले प्रमुख पहलवान डब्लूएफआयी प्रमुख के खिलाफ जंतर-मंतर पर धरना दे रहे थे।
28 मई को, दिल्ली पुलिस ने पहलवानों के महीने भर के विरोध के सभी संकेतों को साफ करने के बाद, डब्लूएफआयी प्रमुख के विरोध में पहलवानों द्वारा जंतर-मंतर पर लाए गए सभी सामानों को हटा दिया। किसानों के कई समूहों ने भी पहलवानों को अपना समर्थन दिया है।
पुलिस ने 27 मई को डब्ल्यूएफआई प्रमुख के खिलाफ प्रदर्शनकारी महिला पहलवानों द्वारा दायर आवेदन पर स्थिति रिपोर्ट दाखिल की थी। दिल्ली पुलिस की ओर से पेश विशेष लोक अभियोजक अतुल श्रीवास्तव ने राउज एवेन्यू कोर्ट के अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट (एसीएमएम) हरजीत सिंह जसपाल को अवगत कराया था कि 'पीड़ित' महिला पहलवानों के बयान मजिस्ट्रेट के सामने सीआरपीसी की धारा 164 के तहत दर्ज किए गए हैं।
सीएमएम जसपाल ने पुलिस को 12 मई और 27 मई को दायर की गई दोनों स्थिति रिपोर्ट शिकायतकर्ताओं को देने का निर्देश दिया, जिन्हें पुलिस को आवेदन की एक प्रति देने का भी निर्देश दिया गया।
इसके बाद अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 27 जून की तारीख मुकर्रर की। प्रदर्शनकारी पहलवानों द्वारा सिंह के खिलाफ लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों के मद्देनजर दिल्ली की एक अदालत ने 25 मई को एक सामाजिक कार्यकर्ता और अटल जन शक्ति पार्टी के प्रमुख की शिकायत पर पुलिस से कार्रवाई रिपोर्ट (एटीआर) मांगी थी। सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के "झूठे आरोप" लगाने के लिए पहलवान विनेश फोगट, बजरंग पुनिया और साक्षी मलिक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की गयी।
पटियाला हाउस कोर्ट के अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अनामिका ने बम बम महाराज नौहटिया की ओर से दायर एक आवेदन पर निर्देश पारित किया था।
पुलिस ने 12 मई को अदालत को सूचित किया था कि सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है।
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