दुनिया का सबसे बड़ा स्टेडियम चर्चा में, नाम बदलने की उठी मांग

Update: 2022-06-11 09:32 GMT

न्यूज़ क्रेडिट: आजतक

सूरत: गुजरात में विधानसभा चुनाव से पहले नरेंद्र मोदी स्टेडियम से जुड़ा मुद्दा सियासी रंग ले रहा है. इस स्टेडियम का नाम बदलने की मांग को लेकर पाटीदार समुदाय एक बड़ा आंदोलन करने जा रहा है. पाटीदार समुदाय इस स्टेडियम का नाम एक बार फिर से बदलकर सरदार वल्लभभाई पटेल स्टेडियम रखने की मांग कर रहा हैं.

खास बात यह है कि इस मांग को उस ग्रुप का भी समर्थन हासिल है जिसने 2015 में हार्दिक पटेल की अगुआई में पाटीदार आरक्षण की मांग की थी और पूरे गुजरात में व्यापक आंदोलन किया था. हार्दिक पटेल इसी महीने कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हो चुके हैं. बता दें कि 2015 में पाटीदार अमानत आंदोलन समिति (PAAS) ने पाटीदारों को आरक्षण दिलाने के लिए बड़ा आंदोलन किया था. हार्दिक पटेल इस आंदोलन के अगुआ थे.
अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम का नाम बदलकर सरदार वल्लभभाई पटेल स्टेडियम करने के लिए एक बार फिर सभी पाटीदार नेता और संगठन एकजुट हो गए हैं. इस मांग को पूरा एक संगठन बनाया गया है जिसका नाम सरदार सम्मान संकल्प आंदोलन समिति रखा गया है और इस मांग को पूरा करने के लिए किए जा रहे प्रदर्शन को सरदार सम्मान संकल्प यात्रा नाम दिया गया है.
रविवार को सूरत के बारदोलोई में स्थित स्वराज आश्रम से अहमदाबाद के लिए इस यात्रा की शुरुआत होगी. सोमवार शाम हो प्रदर्शनकारियों का ये समूह अहमदाबाद पहुंचेगा और गेट नंबर-1 के पास प्रदर्शन करेगा. गुजरात में चुनावी सीजन में पाटीदारों की ये यात्रा सरकार और प्रशासन के लिए परेशानी खड़ी कर रही है. यात्रा को देखते हुए गुजरात पुलिस हाई अलर्ट पर है.
खास बात यह है कि विरोध पूरी तरह से अराजनीतिक होगा. विरोध प्रदर्शन में किसी भी राजनीतिक बैनर या पार्टी के नेताओं को अनुमति नहीं दी जाएगी. पूरे गुजरात से पाटीदारों को शामिल होने के लिए कहा गया है.
इस मुहिम के लिए आंदोलन कर रहे पाटीदार नेता अतुल पटेल ने कहा, "यह सरकार अगर नाम नहीं बदलती है तो हम अपना विरोध तेज करेंगे. यह इस सरकार की तानाशाही है. चुनाव के दौरान उन्होंने सरदार पटेल की विशाल प्रतिमा बनाई और चुनाव के बाद स्टेडियम का नाम बदल दिया. हम इसकी अनुमति नहीं देंगे. सरकार सरदार वल्लभ भाई पटेल के नाम का दुरुपयोग कर रही है. अब समय आ गया है कि सरदार पटेल की प्रतिष्ठा वापस दी जाए, इसलिए हमारा नारा है कि सरदार का कर्ज चुकाना है, सम्मान वापस दिलाना है."
उन्होंने कहा कि बारदोलोई से शुरू होकर ये विरोध प्रदर्शन यात्रा गुजरात के कई इलाकों में जाएगी और सोमवार को अहमदाबाद पहुंचेगी. हमारी मांग है कि स्टेडियम का नाम बदला जाए अन्यथा हमारा विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा.
PAAS नेता अल्पेश कथिरिया ने कहा, "कई बार जानकारी की कमी और राजनीतिक पक्षपात के कारण हमारे देश के महान लोगों को अपमान का सामना करना पड़ता है. सरदार पटेल स्टेडियम को हाल ही में फिर से बनाया गया था और इसका नाम बदलकर नरेंद्र मोदी स्टेडियम कर दिया गया था. आप बड़े स्टेडियम बनाइए लेकिन उसका नाम को मत बदलें जो पहले से ही था. हम पीएम का सम्मान करते हैं. उन्होंने कहा कि स्टेडियम को शुरू से ही सरदार वल्लभभाई पटेल स्टेडियम के नाम से जाना जाता है. किसी को भी सरदार साहब का अपमान करने का अधिकार नहीं है."
अल्पेश कथिरिया ने कहा कि हम सभी लोगों से अपील करते हैं कि वे इस यात्रा में शामिल हों और हमारे आंदोलन को सफल बनाएं.
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