गजब है भाई! यहां मुर्दों के हस्ताक्षर का मामला आया सामने, जानकर सकते में पड़े लोग
ग्रामीण आक्रोशित, जांच की मांग।
कैमूर: बिहार में हाल ही में हुए पंचायत चुनाव में जमुई में लोगों ने एक मुर्दे को चुनाव में विजयी बना दिया. अब कैमूर जिले में जमीन लेने के लिए मुर्दों के हस्ताक्षर का मामला सामने आया है. मामला जमीन विवाद से जुड़ा है और मामला अभी भभुआ कोर्ट में है. कोर्ट ने जमीन की खरीद-बिक्री या उसकी बंदोबस्ती पर रोक लगाया है. इसके बावजूद भगवानपुर प्रखंड के बीडीओ की ओर से प्रधानमंत्री आवास के लिए 26 लोगों को उसी जमीन का लाल कार्ड वितरित कर दिया गया और राशि भी दे दी गई.
ये पूरा मामला कटकरा गांव में पोखरे की जमीन का है. कोर्ट ने निर्देश दिया था कि फिलहाल जमीन पर किसी तरह की खरीद-बिक्री या उसकी बंदोबस्ती नहीं हो सकती है. कोर्ट ने ये भी कहा था कि कोई भी व्यक्ति उस जमीन को किसी को रेहन और मालगुजारी पर भी नहीं सौंप सकता है, लेकिन कोर्ट के आदेश के बाद भी बीडीओ की ओर से उसी जमीन का लाल कार्ड 26 लोगों को दे दिया गया. जिन 26 लोगों को जमीन दी गई है, उनमें से 7 लोगों की कई साल पहले मौत हो चुकी है.
बीडीओ कार्यालय ने कहा- सभी 26 लोगों के अंगूठे के निशान लिए गए थे. हैरानी की बात है कि अंचलाधिकारी कार्यालय की ओर से दावा किया जा रहा है कि जमीन आवंटन से पहले सभी लोगों की भौतिक पहचान की गई है. उन्हें कार्यालय भी बुलाया गया था. कार्यालय में सभी 26 लोगों ने हस्ताक्षर भी किए थे. उनसे अंगूठे के निशान भी लिए गए हैं.
मुर्दों को जमीन आवंटन करने के बाद अब ग्रामीण आक्रोशित हैं. ग्रामीणों का कहना है कि पोखर से जुड़ा मामला है. कोर्ट ने इस पर रोक लगाई थी. आखिर कैसे अंचलकर्मियों और बीडीओ ने ग्रामीणों को जमीन आवंटित कर दिया. ग्रामीणों का कहना है कि 26 लोगों में से सात लोगों की मौत हो चुकी है. ये पूरी तरह घोटाला है. जिंदा लोगों का काम नहीं होता है और मरे हुए लोगों से साइन लेकर जमीन का लाल कार्ड दिया जा रहा है.
वहीं, अंचल कार्यालय से जुड़े कर्मचारियों का भी कहना है कि इसमें बड़ा खेल हुआ है. इसमें बड़े लोग शामिल हैं. उधर, बीडीओ का कहना है कि आरोप झूठा है और सही लोगों को जमीन का लाल कार्ड दिया गया है. फिलहाल कोर्ट के आदेश को दरकिनार कर जमीन आवंटन का ये मामला कैमूर में चर्चा का विषय बना हुआ है.