वायुसेना की महिला अधिकारी ने रचा नया इतिहास, जानें कौन हैं?

पहली बार फ्रंटलाइन कॉम्बैट यूनिट की कमान संभालेंगी.

Update: 2023-03-08 03:55 GMT
नई दिल्ली (आईएएनएस)| 8 मार्च पूरे विश्व में महिला दिवस के रूप में जाना जाता है। महिला दिवस की पूर्व संध्या पर वायुसेना की एक महिला अधिकारी को पहली बार कॉम्बैट यूनिट की जिम्मेदारी सौंपी गई है। भारतीय एयरफोर्स ने सात मार्च को यह अहम फैसला लिया। भारतीय वायुसेना द्वारा लिए गए इस महत्वपूर्ण निर्णय के मुताबिक ग्रुप कैप्टन शैलजा धामी पश्चिमी सेक्टर में फ्रंटलाइन कॉम्बैट यूनिट की कमान संभालेंगी। पश्चिमी सेक्टर के इस इलाके में भारत-पाकिस्तान सीमा क्षेत्र आता है। गौरतलब है कि यह प्रथम अवसर है जब भारतीय वायुसेना में कोई महिला अधिकारी कॉम्बैट यूनिट की जिम्मेदारी संभालने जा रही है। कैप्टन शैलजा धामी वर्ष 2003 में भारतीय वायुसेना में शामिल हुईं। ग्रुप कैप्टन शैलजा फिलहाल वायुसेना के फ्रंटलाइन कमांड हेडक्वार्टर के ऑपरेशन में कार्यरत हैं। भारतीय एयरफोर्स के अधिकारियों के मुताबिक, कैप्टन धामी का अभी तक का रिकॉर्ड प्रशंसनीय रहा है। वह वायुसेना की एक बेहतरीन फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर साबित हुई हैं। वायुसेना के मुताबिक, ग्रुप कैप्टन शैलजा धामी अभी तक 28 सौ घंटे से अधिक की उड़ान का अनुभव अर्जित कर चुकी हैं। इसके साथ ही ग्रुप कैप्टन धामी वह पहली महिला अधिकारी हैं, जिनके पास फ्लाइंग ब्रांच की स्थायी कमिशन है।
वायुसेना द्वारा महिला दिवस की पूर्व संध्या पर नई जिम्मेदारी मिलने के बाद आप ग्रुप कैप्टन शैलजा धामी नई लीड करने की भूमिका में आने वाली हैं। शैलजा धामी के नाम एक और रिकॉर्ड भी दर्ज है। शैलजा को ही वायुसेना की फ्लाइंग यूनिट की पहली महिला फ्लाइट कमांडर बनने का सम्मान प्राप्त हुआ था। शैलजा को यह उपलब्धि वर्ष 2019 के सितंबर महीने में हासिल हुई थी, जब उन्हें वायुसेना का फ्लाइट कमांडर बनाया गया था। इतना ही नहीं, उनको एयर ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ की तरफ से दो बार कमांड किया जा चुका है।
पश्चिमी सेक्टर में फ्रंटलाइन कॉम्बैट यूनिट की कमान संभालने जा रहीं वायुसेना की ग्रुप कैप्टन शैलजा धामी पंजाब में लुधियाना से हैं।
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