बड़े घरों की महिलाएं लेती है ड्रग्स, हुआ चौंका देने वाला खुलासा
NCB की रिपोर्ट
दिल्ली। ऊंचे घरों की महिलाएं और गृहिणियों की ड्रग्स के धंधे (Women and ladies in drugs trafficking) में तेजी से भागीदारी बढ़ रही है. यह चौंका देने वाला खुलासा नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (Narcotics Control Bureau- NCB) की कार्रवाइयों के आंकड़ों से हुआ है. NCB ने साल भर में 230 लोगों पर कार्रवाइयां कीं. इन कार्रवाइयों में 1 हजार 791 किलो ड्रग्स जब्त किए. आरोपियों में पॉश घरों की महिलाओं की संख्या अच्छी-खासी है. ड्रग्स से जुड़े व्यापार में 15 महिलाएं आरोपी हैं.
एनसीबी के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े (Sameer Wankhede) के हवाले से कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में आई जानकारियों के मुताबिक ड्रग्स के धंधे में महिलाएं बहुत पहले से जुड़ी रही हैं. इसमें कोई नई बात नहीं है. फर्क सिर्फ इतना है कि अब ऊंचे घरों की महिलाएं ड्रग्स तस्करी में शामिल हो रही हैं. ड्रग्स तस्करों में से 10 से 15 फीसदी महिला तस्कर सामने आई हैं. जल्दी पैसे कमाने के चक्कर में महिलाओं की अच्छी खासी तादाद इस गैरकानूनी व्यापार में सामने आई है. इन महिलाओं पर कार्रवाई करने में कई बार काफी मुश्किलें पेश आती हैं. ड्रग्स के धंधे में शामिल ये महिलाएं कार्रवाइयों से बचने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाती हैं. मुंबई के नागपाडा में रहने वाली हुसैन बी (41) के पास से एनसीबी ने जुलाई महीने में 1.8 किलो ड्रग्स जब्त किया था. किसी को शक ना हो, इसके लिए हुसैन बी इस काम में अपने 13 साल के बेटे का इस्तेमाल कर रही थी. इसी तरह एनसीबी ने सितंबर में गुजरात से रुबीना शेख नाम की एक महिला को भी पकड़ा था. वह भी तस्करी के लिए अलग हथकंडे अपना रही थी. जुलाई से ही वो एनसीबी के राडार पर थी.
यह भी जानकारी सामने आई है कि विदेशों में एक खास तरह के ड्रग का चलन बढ़ा है. इस ड्रग का नाम ऐंफेटामाइन है. एनसीबी की कार्रवाइयों में इस बात का खुलासा हुआ है कि ऐंफेटामाइन नाम के ड्रग की डिमांड दुबई, मालदीव, ऑस्ट्रेलिया में बहुत ज्यादा बढ़ी है. मुंबई में इस ड्रग्स को काफी मात्रा में तैयार किया जाता है और फिर बिक्री के लिए इसे इन देशों में भेजा जाता है . ड्रग्स तस्करी से जुड़ी एक नई बात जो सामने आई है उसमें कूरियर सर्विस का रोल बढ़ता हुआ दिखाई दिया है. इस साल कूरियर द्वारा ड्रग्स तस्करी के कई मामले सामने आए. एनसीबी जांच में खुलासा हुआ है कि कूरियर कंपनी द्वारा भेजे जाने वाले ड्रग्स पार्सल पर दिए गए नाम और पता फर्जी हुआ करते हैं, ताकि कार्रवाई होने पर आरोपी को पकड़ा ना जा सके. इस पूरे रैकेट में कूरियर कंपनियों की भी भागीदारी होती है क्या, इस बात की तफ्तीश की जा रही है.