आफत में पड़ी महिला की जान, डॉक्टरों ने पेशाब की नली सील दी, मचा हड़कंप

डॉक्टरों की बड़ी लापरवाही सामने आई है।

Update: 2024-03-21 11:25 GMT

सांकेतिक तस्वीर

देवरिया: यूपी के देवरिया में एक प्राइवेट अस्पताल के डॉक्टरों की बड़ी लापरवाही सामने आई है। डॉक्टरों की लापरवाही के चलते एक प्रसूता की जान खतरे में पड़ी है। हुआ यह कि डॉक्टरों ने ऑपरेशन के दौरान महिला के बच्चेदानी पर टांका लगाते समय पेशाब की नली भी सील कर दिया। जिससे महिला के किडनी और बच्चेदानी में संक्रमण फैल गया। गोरखपुर के एक प्राइवेट अस्पताल में महिला का इलाज चल रहा है जहां वह जीवन-मौत से संघर्ष कर रही है। महिला के ससुर रामसागर पटेल ने सीएमओ को शिकायती पत्र देकर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। बीते 19 जनवरी को बघौचघाट थाना क्षेत्र के मंडेरा(पांडेयपुर) गांव की रहने वाली संध्या देवी(30) पत्नी अजय पटेल को प्रसव पीड़ा होने पर परिजनों ने पथरदेवा के एक प्राइवेट अस्पताल पर भर्ती कराया। यहां पर डॉक्टरों ने महिला का आपरेशन कर नवजात बच्ची को गर्भ से बाहर निकाला।
अस्पताल में महिला को 27 जनवरी तक एडमिट रखा गया। इस दौरान महिला को पेशाब संबंधी दिक्कत होने लगी। कुछ दिनों बाद पेशाब रूक गई। जब महिला की हालत गंभीर हो गई तो अस्पताल संचालक ने उसे जबरदस्ती डिस्चार्ज कर दिया। 28 जनवरी को परिजनों ने महिला को मेडिकल कॉलेज गोरखपुर में भर्ती कराया। यहां पर काफी दिनों तक इलाज चला लेकिन परेशानी दूर नहीं हुई। इसके बाद परिवारवाले महिला को तारामंडल स्थित एक अस्पताल लेकर पहुंचे। यहां पर डॉक्टरों ने महिला की जांच-पड़ताल कराई तो क्रिएटिनिल लेवर खतरनाक स्तर तक पहुंचा मिला।
अल्ट्रासोनो ग्राफी से पता चला कि महिला के बच्चेदानी व किडनी में संक्रमण फैल गया है। आनन-फानन में डॉक्टरों ने महिला का दोबारा ऑपेरशन किया। डॉक्टरों ने पाया कि प्रसव के समय ऑपरेशन के दौरान बच्चेदानी में टांका लगाते समय पेशाब की नली को भी सिल दिया गया है जिससे पेट के आंतरिक अंगों में संक्रमण फैल गया। डॉक्टरों ने इसकी जानकारी महिला के परिजनों को दी। सोमवार को परिजन सीएमओ को पत्र देकर अस्पताल संचालक और संबंधित डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
कस्बे के कॉलेज रोड पर स्थित एक चर्चित अस्पताल पर बीते 19 जनवरी को बघौचघाट थाना क्षेत्र के मुंडेरा (पांडेयपुर) की रहने वाली संध्या देवी पत्नी अजय पटेल का प्रसव पीड़ा होने पर ऑपरेशन किया गया। ऑपरेशन के बाद बच्चेदानी पर टांका लगाते समय डॉक्टरों ने महिला की पेशाब नली को भी सिल दिया जिसके चलते उसके पेट और किडनी में संक्रमण फैल गया। ढाई महीने से महिला का गोरखपुर के एक अस्पताल में उपचार चल रहा है जहां वह जीवन के लिए संघर्ष कर रही है। हालांकि संबंधित अस्पताल पर कोई यह पहला मामला नहीं है। यहां पर पैसों के लिए हर रोज मरीजों की जान जोखिम में डाली जाती है। 18 मार्च को महिला के ससुर रामाश्रय पटेल ने सीएमओ को प्रार्थना पत्र देकर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। इसके आधार पर सीएमओ ने आरोपी अस्पताल संचालक से रिर्पोट तलब की है।
सीएमओ कार्यालय से मांगी गई रिपोर्ट में अस्पताल का पंजीकरण, ओटी, एनेस्थीसिया, बाल रोग डॉक्टर व सर्जन की योग्यता व ऑपरेशन संबंधी अन्य जानकारी मांगी गई है। सीएमओ कार्यालय ने बुधवार को आरोपी अस्पताल की पंजीकरण संबंधी फाइल खंगालना शुरू किया। जांच पड़ताल में पता चला कि संबंधित अस्पताल के पास केवल ओपीडी व आइपीडी का ही रजिस्ट्रेशन है। ऐसे में ऑपरेशन करना पूरी तरह से गैर कानूनी है। इस पर विभाग जल्दी ही शिकंजा कसने वाला है।
गोरखपुर के एक अस्पताल में भर्ती संध्या की हालत बुधवार को ज्यादा नाजुक हो गई। आनन-फानन में महिला का डायलिसिस किया गया। महिला के पति अजय ने बताया कि संध्या की दोनों किडनी पूरी तरह से फेल हो गई है। अभी तक बीस से पच्चीस बार तक डायलिसिस किया जा चुका है। दस लाख से अधिक रूपए खर्च हो गए हैं। जो खेत था उसे भी गिरवी रख दिया गया है।
देवरिया सीएमओ डॉ. राजेश झा का कहना है कि प्रकरण काफी गंभीर है। अस्पताल के पंजीकरण की फाइल खंगाली गई है। इसमें ओपीडी व आइपीडी की केवल स्वीकृति दी गई है। अस्पताल संचालक से रिर्पोट मांगी गई है। रिर्पोट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
Tags:    

Similar News

-->