9 महीने बाद घर लौटी महिला, पति की मौत के बाद से गायब थी

रो पड़े बच्चे

Update: 2022-01-02 01:21 GMT

एमपी। मध्य प्रदेश के मंदसौर में परिवार से बिछड़ी एक महिला की 9 महीने बाद उसके परिवार से मुलाकात (Missing Women Meet Family) हुई. सड़क हादसे में पति की मौत के बाद राजस्थान की लीला बाई का दिमागी संतुलन बिगाड़ गया था. जिसके बाद वह घर पर बिना बताए अपने दो बच्चों को छोड़ घर चली गई थी. 9 महीने तक पूरा परिवार लीला बाई को ढूढता रहा. लेकिन वह कहीं भी नहीं मिली. मंदसौर पहुंचने पर पुलिस (Mandsaur Police) ने उसकी दिमागी हालत को देखते हुए उसे विक्षिप्त महिला आश्रय गृह पहुंचा दिया.

लीला बाई का इलाज और काउंसलिंग के बाद उसे परिवार (Women Meet Family After 9 Month) की याद आ गई. जिसके बाद गूगल पर सर्च करने के साथ ही राजस्थान पुलिस की मदद से उसके परिवार तक खबर भेजी गई. शनिवार को नए साल के मौके पर महिला के दो भाई और भाभी उसके बच्चों को लेकर आश्रय गृह उससे मिलने पहुंचे. अपनी बिछड़ी मां से मिलते ही उसके बच्चों और भाइयों की आंखों में आंसू आ गए. थोड़ी देर के लिए वहां का माहौल काफी भावुकता भरा हो गया. जैसे ही आश्रय गृह (Shelter Home) में मां और बेटी का आमना-सामना हुआ, वहां मौजूद हर शख्स रोने लगा. 9 माह से लापता महिला को विक्षिप्त आश्रयगृह संचालनकर्ताओं ने पुनर्वास करवाते हुए परिवार से मिलावाया. इस दौरान वहां पर कलेक्टर-सांसद समेत अन्य लोगों भी मौजूद रहे. महिला आश्रय गृह की संचालिका अनामिका जैन ने बताया कि कोतवाली पुलिस लीला को उनके आश्रय गृह में छोडक़र गई थी. उस समय लीला की दिमागी हासत बिल्कुल भी ठीक नहीं थी. वह अपने परिवार के बारे में कुछ भी नहीं बता पा रही थी. जिसके बाद उसका इलाज और काउंसलिंग दोनों कराए गए. बताया जा रहा है कि आठ दिन पहले ही उसे अपना परिवार याद आया था. जिसके बाद आश्रय गृह की संचालिका ने गूगल सर्च कर राजस्थान की चित्तौड़गढ़ और निम्बाहेड़ा पुलिस से संपर्क किया.

आश्रय गृह की संचालिका ने लीला बाई की फोटो पुलिस को भेजी. जिसके बाद वहां की पुलिस ने सातकंडा गांव में महिला के परिवार को ढूंढने में मदद की. परिवार का पता लगते ही उन्होंने महिला के परिवार को उसकी खबर दी. जिसके बाद लीला के परिवार के लोग आज आश्रय गृह पर पहुंच गए. सांसद सुधीर गुप्ता, कलेक्टर गौतम सिंह, समाजसेवी प्रदीप गनेड़ीवाल, जिला पंचायत सीईओ कुमार सत्यम की मौजूदगी में पुनर्वास करवाते हुए महिला को उसके परिवार को सौंप दिया गया.

आश्रय गृह की संचालिया अनामिका जैन ने बताया कि लीला बाई के पति की एक हादसें में मौत होने के बाद उसकी मानसिक स्थिति बिगड़ गई छी. जिसके बाद वह अपने दो बच्चों को छोड़कर घर से निकलकर मंदसौर पहुंच गई थी. चित्तौडग़ढ़ में रेलवे चौकी पर महिला की गुमशुदगी भी रिपोर्ट भी दर्ज थी. 9 महीने से उसके भाई और मां उसे ढूढ रहे थे. आज आश्रय गृह पहुंचे परिवार ने जैसे ही लीला को देखा, उनकी आंखों में आंसू आ गए. अपनी बेटी को देखते ही लीला की आंखें भर गई. पूरा परिवार रोने लगा. जिसके बाद आश्रय गृह की संचालिका ने उसे परिवार के साथ भेज दिया. महिला के परिवार ने बताया कि पिछले 9 महीने से उसे ढूंढने के लिए वह मंदिर, मस्जिद से लेकर हर जगह गए, लेकिन उसका कुछ भी पता नहीं चल रहा था. लेकिन जैसे ही उन्हें अचानक लीला की खबर मिली. उनकी खुशी का ठिकाना ही नहीं रहा.


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