राहुल गांधी पर महिला सांसद ने लगाया चौंकाने वाला आरोप, VIDEO
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नई दिल्ली: संसद में धक्का-मुक्की कांड पर विवाद बढ़ गया है. इस बीच, बीजेपी ने लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी पर आरोप लगाया है कि उन्होंने महिला सांसद को धक्का दिया, जिससे वो डर गई और असहज हो गईं. राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ ने स्वीकर किया है कि उनके पास महिला सांसद की शिकायत आई है. महिला सांसद उनके पास रोते हुए आईं थीं.
दरअसल, नागालैंड की सांसद फांगनोन कोन्याक ने खुद पर हमले का आरोप लगाया है. इस मामले में राज्यसभा के चेयरमैन जगदीप धनखड़ का बयान आया है. उन्होंने कहा, महिला सांसद मेरे पास रोती हुए आई थीं. मेरे पास सूचना है. उन्होंने मुझे लिखित शिकायत दी है. सांसद मुझसे मिली हैं. मैं इस पर चर्चा कर रहा हूं. वो बहुत शॉक में थीं. मैं इस मामले में ध्यान दे रहा हूं.
इससे पहले बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा, कांग्रेस बौखला गई है. राहुल गांधी ने गैर प्रजातांत्रिक तरीके से हमारे सांसदों के साथ धक्कामुक्की की. हमारे 2 सांसद घायल हुए. नागालैंड की बीजेपी महिला सांसद फांगनोन कोन्याक को राहुल गांधी ने धक्का दिया. वो प्रताड़ना के बराबर है.
नागालैंड बीजेपी की सांसद फांगनोन कोन्याक भी सामने आई हैं. उन्होंने कहा, राज्यसभा के चेयरमैन से मिल चुकी हूं. मैं अपनी सुरक्षा की मांग कर चुकी हूं. अभी मेरा दिल बहुत भारी है. आज मैं बाहर शांतिपूर्वक प्रोटेस्ट कर रही थी. राहुल गांधी बहुत करीब आकर खड़े हो गए. मैं अनकंफर्टेबल हो गई थी. राहुल गांधी मेरे ऊपर चिल्लाने लगे. राहुल गांधी को शोभा नहीं देता है कि एक महिला सांसद पर वो ऐसे चिल्लाएं. मैं बहुत दुखी हूं और मैं सुरक्षा चाहती हूं. उन्होंने कहा, मैं अनुसूचित जनजाति वर्ग से ताल्लुक रखती हूं और राहुल का ये बर्ताव अच्छा नहीं लगा.
महिला सांसद कोन्याक ने शिकायती पत्र में कहा, मैं मकर द्वार (संसद) की सीढ़ियों के ठीक नीचे हाथ में एक तख्ती लिए खड़ी थी. सुरक्षाकर्मियों ने दूसरे दलों के सांसदों के लिए प्रवेश द्वार तक रास्ता बना रखा था. अचानक विपक्ष के नेता राहुल गांधी जी अन्य पार्टी सांसदों के साथ मेरे सामने आ गए, जबकि उनके लिए रास्ता बनाया गया था. उन्होंने (राहुल गांधी) ऊंची आवाज में चिल्लाना शुरू कर दिया. वे मेरे इतने करीब आ गए थे कि मैं पूरी तरह अनकम्फर्टेबल हो गई और एक महिला सदस्य होने के नाते मुझे बहुत असहज महसूस हुआ. कोन्याक ने शिकायत में आगे कहा कि वह भारी मन से अपने लोकतांत्रिक अधिकारों से पीछे हटीं और एक तरफ हो गईं, लेकिन मुझे लगा कि किसी भी संसद सदस्य को इस तरह से व्यवहार नहीं करना चाहिए.