कीचड़ में उतरकर लोगों की मदद करती दिखी महिला IAS कीर्ति जल्ली, जानें इनके बारे में...

Update: 2022-05-29 02:58 GMT

सिलचर: चारों तरफ पानी ही पानी, नावों पर सवार होकर जान बचाते लोग, टूटे-फूटे घर, पानी में डूबे रेलवे ट्रैक, एयरलिफ्ट करते भारतीय वायुसेना के जवान, तबाही का मंजर... हाल ही में आपने असम की बाढ़ की ऐसी तस्वीरें देखी होंगी. लेकिन इसी बीच कुछ तस्वीरें ऐसी भी थीं जिन्होंने हौसला बढ़ाया. तबाही से लड़ने की ताकत दी. ये तस्वीरें थीं कछार जिले में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण करने वाली IAS अधिकारी कीर्ति जल्ली की. जिसमें उन्हें दलदल में तब्दील हो चुकी कच्ची सड़कों पर चलते हुए, बाढ़ से बर्बाद हो चुके लोगों का दर्द बांटते हुए और कीचड़ में नंगे पांव चलकर नुकसान का जायजा लेते हुए देखा गया था.

IAS अधिकारी कीर्ति जल्ली की तस्वीरें सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुईं. लोगों ने उनकी तारीफ में कसीदे पढ़े. अपने बेहतरीन काम की वजह से वह तमाम व्हाट्सएप ग्रुप पर छाई रहीं. जानते हैं कि अपने काम से प्रभावित करने वाली IAS अधिकारी कीर्ति जल्ली कौन हैं?
कीर्ति जल्ली का जन्म हैदराबाद के बरेंगल जिले में हुआ था. उन्होंने मसीहा बनकर देश की हर महिला के सामने एक मिसाल कायम की है. 1989 में जन्मी कीर्ति जल्ली 2012 में IAS अधिकारी बनीं. उन्होंने असम बराक घाटी के हैलाकांडी जिले में पहली महिला जिला उपायुक्त के रूप में अपनी जिम्मेदारी संभाली. 2020 में उन्हें जिले की विभिन्न समस्याओं का समाधान करने के साथ ही लोक सेवा में उत्कृष्ट कदम उठाने के लिए 'सर्वश्रेष्ठ प्रशासनिक' की उपाधि से सम्मानित किया गया था.
कीर्ती जल्ली के बेहतरीन काम को देखकर उनका ट्रांसफर असम के कछार जिले में कर दिया गया था. तब से IAS ऑफिसर जल्ली पूरी लगन के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन कर रही हैं. उन्होंने कछार जिले के आदित्य शशिकांत से भी शादी की.
भीषण बाढ़ के दौरान जल्ली ने कछार जिले में जिला उपायुक्त (District Deputy Commissioner) होने की जिम्मेदारी बखूबी निभाई. उन्होंने बाढ़ प्रभावित इलाकों का निरीक्षण किया. लोगों का दर्द जाना. उनकी परेशानियों का समाधान किया. इतना ही नहीं, कोरोना काल में भी उनकी भूमिका काफी सराहनीय रही थी. आपको जानकर हैरानी होगी कि कीर्ति जल्ली ने शादी के अगले दिन ही ऑफिस ज्वाइन कर लिया था.
डिप्टी कमिश्नर कीर्ति जल्ली ने बोरखोला विकास खंड और अन्य तहत बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया था. इस दौरान वह पैदल ही कई क्षेत्रों में गईं. बाढ़ग्रस्त इलाकों में रहने वाले लोगों से बातचीत की. उनकी समस्याओं के समाधान के लिए हर संभव कोशिश की. अपने अधीनस्थों को जरूरी निर्देश दिए.
असम के विभिन्न हिस्सों में लगातार बारिश, बाढ़ और भूस्खलन ने कहर बरपाया था. आपदा की वजह से राज्य के कई जिलों में लाखों लोग प्रभावित हुए थे. इनमें कछार सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्रों में से एक है. 
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