कांग्रेस में फिर बढ़ेगी रार? सीएम ने पुरानी कहानी दोहरा दी
कांग्रेस में भले ही प्रियंका गांधी की दखल के बाद सुलह हो गई है, मगर झगड़ा खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है.
नई दिल्ली: राजस्थान कांग्रेस में भले ही प्रियंका गांधी की दखल के बाद सुलह हो गई है, मगर झगड़ा खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत BJP के बहाने जनता के बीच सचिन पायलट की बगावत की बातें याद करते रहते हैं. मगर पहली बार कैबिनेट की बैठक में सीधे- सीधे पायलट खेमे से मंत्री बनाए गए मंत्रियों के सामने अशोक गहलोत ने एक बार फिर से पुरानी कहानी दोहरा दी.
मंत्रियों के साथ सीएम और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव की बैठक हुई. इसमें 80 बनाम 19 विधायकों का मामला गहलोत ने उठा दिया. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बोले कि अगर बसपा से आए और निर्दलीय विधायक साथ नहीं देते तो आज मंत्रिपरिषद की बैठक नहीं होती. रमेश मीणा, हेमाराम जी समेत कई लोग चले गए थे. इस पर मंत्री मुरारी मीणा ने टोका कि साहब इस मुद्दे को और कब तक बोलेंगे. अब बार-बार इन बातों को करने का कोई मतलब नहीं लगता.
दरअसल, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को कांग्रेस आलाकमान बसपा और निर्दलीय विधायकों को सरकार में शामिल करने की इजाज़त नहीं दे रहा है. माना जा रहा है कि गहलोत कांग्रेस महासचिव के सामने मंत्रिमंडल की बैठक में इसी की भड़ास निकाल रहे हैं. मंत्रिमंडल की बैठक में अशोक गहलोत के इस तरह की बातें कहने से यह भी संदेश गया है कि शायद कांग्रेस आलाकमान के दखल के बाद पायलट गुट को जिस तरह से मंत्रिमंडल में तरजीह मिली है, उससे भी गहलोत नाखुश हैं.
मुख्यमंत्री आगे बोले - चलो जो हो गया, सो हो गया. अब आगे बढ़ते हैं. परिवहन मंत्री से हटाकर खाद्य आपूर्ति मंत्री बनाए गए प्रताप सिंह को लेकर अशोक गहलोत ने कहा कि इनसे सीखें, इनके दरवाज़े खुले रहते हैं. प्रताप सिंह अपना विभाग बदले जाने से ख़ुश नहीं है, इसलिए उनकी तारीफ को इसी से जोड़कर देखा जा रहा है.