तेलंगाना सीएम केसीआर की भारत राष्ट्र समिति 2024 लोकसभा चुनाव की दिशा बदल पाएगी?

Update: 2022-12-26 07:30 GMT
नई दिल्ली (आईएएनएस)| तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर (के. चंद्रशेखर राव) अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग दलों से मिल रहे हैं। केसीआर ने अपनी तेलंगाना राष्ट्र समिति पार्टी का नाम बदलकर भारत राष्ट्र समिति कर दिया है और केसीआर का अपने संबोधन में यह कहना कि गुलाबी झंडा एक दिन लाल किले पर उड़ान भरेगा। 2024 लोकसभा चुनाव में एक थर्ड फ्रंट खड़ा करने की ओर इशारा है। लोकसभा 2024 चुनाव की तैयारी है। बीजेपी का तो अपना ठोस वोट बैंक है। केसीआर की भारत राष्ट्र समिति कांग्रेस पार्टी का नुकसान कर सकती है। केसीआर गठबंधन लोक सभा 2024 चुनाव में जितना भी वोट कटेगा वह कांग्रेस का नुकसान करेगा। इसके अलावा ममता बनर्जी का 2024 चुनाव में क्या स्टैंड रहेगा, यह भी बहुत महत्वपूर्ण है।
आपको बता दें कि 14 दिसंबर 2022 को तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के दफ्तर का दिल्ली में शुभारंभ किया था। बीआरएस के दफ्तर के शुभारंभ से पहले उन्हें बिहार में नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव के साथ देखा गया था। इसके अलावा केसीआर को पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के भी साथ देखा गया है। केसीआर को अलग-अलग मंचों पर अलग-अलग राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ मिलते हुए अक्सर देखा जा रहा है। भारत राष्ट्र समिति के शुभारंभ के मौके पर बहुत से किसान संगठनों को भी उनके नए दफ्तर पर देखा गया है। क्या चंद्रशेखर राव 2024 के लिए थर्ड फ्रंट तैयार कर रहे हैं?
राजनीतिक जानकार बताते हैं कि केसीआर थर्ड फ्रंट तैयार करने के लिए अलग-अलग राज्यों के मुख्यमंत्रियों और नेताओं से लगातार मुलाकात और बैठक कर रहे हैं। 2024 के लोकसभा चुनाव में केसीआर का तथाकथित थर्ड फ्रंट कांग्रेस को भी काफी नुकसान पहुंचा सकता है। क्योंकि बीजेपी का जो ठोस वोट बैंक है, उस पर तो यह थर्ड फ्रंट कोई खास असर नहीं करेगा। लेकिन एक ऐसा वोटर जो बीच की स्थिति में है वो सोचता है कि बीजेपी या कांग्रेस? इस तरह के वोटर को केसीआर का तथाकथित थर्ड फ्रंट एक विकल्प के रूप में दिखेगा। कांग्रेस पार्टी को इसका नुकसान उठाना पड़ सकता है।
उत्तर प्रदेश और बिहार में यादव, मुस्लिम, ओबीसी मतदाता बड़ी तादाद में अखिलेश यादव और नीतीश कुमार के साथ जुड़ा हुआ है। 2024 लोकसभा चुनाव में अखिलेश और नीतीश केसीआर के साथ गठबंधन में जाते हैं तो अखिलेश और नीतीश से जुड़ा वोट बैंक भी केसीआर गठबंधन को जा सकता है। इसका भी सीधा सीधा नुकसान कांग्रेस को हो सकता है। क्योंकि उत्तर प्रदेश और बिहार में भी बीजेपी का अपना ठोस वोट बैंक है। दूसरी ओर कांग्रेस उत्तर प्रदेश और बिहार में अपनी खोई हुई जमीन को वापस लाने की कोशिश कर रही है। राजनीतिक जानकारों का मानना यह भी है कि जिस तरह बीजेपी ओवैसी को सिर्फ वोट काटने के लिए खास जगहों से चुनाव में खड़ा करती है, उसी तरह के केसीआर भी सिर्फ बीजेपी के लिए वोट काटने का ही काम करेंगे। 2024 लोकसभा चुनाव के इस राजनीतिक गणित में ममता बनर्जी का स्टैंड क्या होगा? यह तो आने वाला समय ही बताएगा। लेकिन केसीआर इस समय अपनी पूरी शक्ति के साथ अलग अलग राजनीतिक दलों से मिल रहे हैं। अलग अलग राज्य में बैठकें कर रहे हैं। 2024 लोकसभा चुनाव की रणनीति तैयार करने में लगे हुए हैं। जो रणनीति वर्तमान राजनीति में एक परिवर्तन भी ला सकती है।
आपको बता दें कि 5 अक्टूबर 2022 को तेलंगाना राष्ट्र समिति का नाम बदलकर भारत राष्ट्र समिति रख दिया गया था। अब बीआरएस को चुनाव आयोग ने भी राष्ट्रीय पार्टी घोषित कर दिया है। उसके बाद 9 दिसंबर को के चंद्रशेखर राव ने हैदराबाद में औपचारिक रूप से बीआरएस का गुलाबी झंडा फहराया था। इस मौके पर केसीआर ने कहा था गुलाबी झंडा एक दिन लाल किले पर भी उड़ान भरेगा। झंडा फहराने के बाद केसीआर ने उस समय नारा दिया था अबकी बार, किसान सरकार। इस मौके पर उन्होंने यह भी कहा था कि देश में आर्थिक, पर्यावरण, पानी, बिजली और महिला सशक्तिकरण नीतियों की बहुत ही जरूरत है। केसीआर अब पूरे देश की बात करते हैं, राष्ट्र की बात करते हैं, किसानों की बात करते हैं। और दिल्ली के लाल किले पर अपनी पार्टी का गुलाबी झंडा फहराने की भी बात करते हैं। यह सब बातें इस ओर इशारा करती है कि 2024 लोकसभा चुनाव के लिए केसीआर पूरी मेहनत से एक तीसरा मोर्चा खड़ा करने की मुहिम में है।
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