डरेंगे नहीं जीतेंगे: स्वतंत्रता संग्राम सेनानी ने कोरोना से जीती जंग, 104 साल में हुए ठीक, कही ये बात

Update: 2021-04-25 02:48 GMT

कोरोना को लेकर देश में हाहाकर मचा हुआ है. अस्पतालों में मरीजों को जगह नहीं मिल पा रही है. साथ ही अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी बनी हुई है. ऐसे में एक राहत की खबर देखने को मिली जिसे देखकर यकीनन लोगों का हौसला जरूर मिलेगा. दरअसल, मध्य प्रदेश के बैतूल में एक 104 साल के बुजुर्ग ने कोरोना को मात दी है और अब वह स्वस्थ्य हैं.

बैतूल के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बिरदी चंद गोठी कोरोना को हराकर सकुशल घर आ गए हैं. बिरदी चंद गोठी ने जिस तरह देश को आजाद कराने के लिए स्वतंत्रता आंदोलन में योगदान दिया और देश को स्वतंत्र कराया वैसे ही इस उम्र में भी उन्होंने हिम्मत से कोरोना से लड़ाई लड़कर इस जंग को जीता है.
बिरदी चंद गोठी के आसपास के कुछ लोग कोरोना से संक्रमित हो गए थे और उनके कारण वे भी संक्रमित हो गए. इस उम्र में जहां लोग कोरोना से लगातार मुकाबला कर रहे हैं और कई लोग कोरोना से लड़ते-लड़ते अपनी जिंदगी भी हार गए. ऐसे में परिवार के लोग चिंतित हो गए की अब क्या होगा, लेकिन बाबाजी के नाम से प्रसिद्ध बिरदी चंद गोठी की इच्छा-शक्ति और उनकी हिम्मत ने कोरोना को भी मात दे दी.
डॉक्टरों की सलाह पर उनका इलाज घर पर हुआ और समय-समय पर उन्हें दवाइयां दी गईं और ऑक्सीजन दी गई. डॉक्टर भी उनकी हालत पर नजर रखे हुए थे. परिवार के लोग और उनके केयर टेकर उनकी दिन रात सेवा में लगे रहे. बस बाबाजी 10 दिन में ही ठीक हो गए और अब बिल्कुल स्वस्थ्य हैं.
ठीक होने के बाद बिरदी चंद गोटी का कहना है कि आसपास के तीन चार लोगों को कोरोना होने कारण और बाहर से आने वालों के कारण मुझे भी कोरोना हो गया था. लेकिन सादा जीवन, सादा खाना और डॉक्टरों की मदद से मैं ठीक हो गया हूं. घर में रहकर इलाज हुआ और मैं ठीक हो गया. परिवार के लोगों ने दिन रात मेरी बहुत सेवा की. श्रेयांस का कहना है कि दादा जी की इच्छा-शक्ति और हिम्मत रखी जिसके कारण उन्हें ज्यादा तकलीफ नहीं हुई. पंद्रह बीस दिन हो गए हैं. उनका घर पर ही इलाज चला और डॉक्टों के लगातर परामर्श के बाद वे बिलकुल ठीक हो गए.
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