एकनाथ शिंदे के इरादों को कामयाब नहीं होने देंगे: उद्धव ठाकरे बोले

Update: 2022-07-13 05:02 GMT

न्यूज़ क्रेडिट: आजतक

मुंबई: मुख्यमंत्री की कुर्सी गंवा चुके शिनसेना प्रमुख उद्धव (Uddhav Thackeray) ठाकरे के तेवर अभी भी तल्ख हैं. उन्होंने सूबे के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर फिर निशाना साधा है. उद्धव ने कहा है कि वो एकनाथ शिंदे के इरादों को कामयाब नहीं होने देंगे और उन्हें धूल चटा देंगे.

दरअसल, उद्धव ठाकरे ने शिवसेना विधायक राजन साल्वी के लिए एक पत्र जारी किया था. इस पत्र में उन्होंने साल्वी को शिवसेना के प्रति वफादार रहने के लिए धन्यवाद दिया है. ठाकरे ने कहा कि "मैं आप जैसे वफादार के समर्थन से वादा करता हूं कि मैं एकनाथ शिंदे और उनके समर्थन करने वालों के इरादों को धूल चटा दूंगा."
शिवसेना प्रमुख ने 6 जुलाई को विधायक राजन साल्वी को ये पत्र लिखा था. उन्होंने मुश्किल समय में वफादार रहने के लिए साल्वी की पीठ थपथपाई. उद्धव ने कहा कि आपने एकनाथ शिंदे के चलते खामियाजा उठाया है. उनकी बनाई नाजायज सरकार से भीख नहीं मांगी और न ही अयोग्यता की आशंका जताई. आप जैसे वफादार शिवसैनिकों के समर्थन से एकनाथ शिंदे और उनके समर्थकों की मंशा को विफल कर दिया जाएगा.
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा है कि उनकी पार्टी NDA की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करेगी. शिवसेना बिना किसी दबाव के मुर्मू को समर्थन देने की घोषणा कर रही है. उनके इस फैसले के बाद कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं.
कहा जा रहा है कि विधायकों के बाद अब शिवसेना सांसदों के भी उद्धव ठाकरे को छोड़कर जाने का खतरा बना हुआ है. ऐसे में वो अपने सांसदों की बातों की अनदेखी कर सके. इसलिए ऐसा कदम उठाया है. बीते सोमवार को उद्धव ठाकरे ने सांसदों की बैठक बुलाई थी. इसमें राष्ट्रपति चुनाव को लेकर चर्चा हुई. शिवसेना के पास 18 सांसद हैं, लेकिन बैठक में 10 ही पहुंचे थे.
चर्चा ये भी है कि उद्धव ठाकरे ने पार्टी की लड़ाई को ध्यान में रखते हुए गठबंधन के साथी एनसीपी और कांग्रेस के खिलाफ जाकर मजबूरी में फैसला लिया है. हालांकि उद्धव पहले ही साफ कह चुके हैं कि वो द्रौपदी मुर्मू का समर्थन का बना किसी दबाव में कर रहे हैं.
बता दें कि हाल के सिसायी घटनाक्रम के बाद शिवसेना के 40 विधायक एकनाथ शिंदे खेमे में चले गए थे, जिससे महा विकास अघाड़ी सरकार संकट में गई थी. हालात फ्लोर टेस्ट तक पहुंचे और उद्धव सरकार की सूबे छुट्टी हो गई. आखिर में में शिंदे ने बागी 40 विधायकों और भाजपा के समर्थन से खुद सरकार बना ली. शिंदे अब मुख्यमंत्री हैं.
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