पत्नी ने हाईकोर्ट में कही ऐसी बात...जज हुए नाराज, पूरा मामला जान चकरा जाएगा सिर
फ्रेंच-फ्राइज खाने से रोका.
नई दिल्ली: पति-पत्नी के बीच झगड़े होना एक सामान्य घटना है, लेकिन कभी-कभी ये झगड़े इतनी गंभीर स्थिति में पहुंच सकते हैं कि मामला पुलिस स्टेशनों तक जा पहुंचता है। आमतौर पर इन प्रकार के मामलों में बड़ी और गंभीर वजहें होती हैं जिनके चलते लोग कानून की शरण में जाते हैं। हालांकि, हाल ही में एक अजीबो-गरीब घटना सामने आई है, जिसमें एक मामूली और लगभग हास्यास्पद कारण की वजह से पत्नी ने पति की शिकायत लेकर कर्नाटक हाई कोर्ट की दहलीज पर कदम रखा।
हाल ही में बंगलूरू में एक अजीबो-गरीब मामला सामने आया है जिसने कानूनी जगत को भी चौंका दिया है। यहां एक महिला ने अपने पति के खिलाफ घरेलू हिंसा के तहत पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है, लेकिन इसके पीछे का कारण काफी असामान्य है। महिला ने आरोप लगाया कि उसके पति ने उसे फ्रेंच फ्राइज खाने की अनुमति नहीं दी।
महिला का कहना है कि उसके पति ने उसे गर्भावस्था के दौरान पौष्टिक आहार के रूप में फ्रेंच फ्राइज न खाने की सलाह दी थी, जिससे वह नाराज हो गई और उसने घरेलू हिंसा के तहत केस दर्ज करा दिया। महिला का दावा है कि उसके पति ने उसे बांग्लादेश आलू से बनी फ्रेंच फ्राइज खाने से रोका, जिसे लेकर उसने पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई।
यह मामला कर्नाटक हाई कोर्ट भी पहुंचा, जहां पति ने पत्नी द्वारा लगाए गए आरोपों को निराधार बताया और केस को रद्द करने की मांग की। न्यायमूर्ति एम. नागप्रसन्न ने इस मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि इस प्रकार के मामलों में केस दर्ज करना उचित नहीं है। न्यायमूर्ति ने टिप्पणी की कि अगर पति अपनी पत्नी के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए उसे कुछ विशेष खाद्य पदार्थों से रोकता है, तो उसे लेकर घरेलू हिंसा का मामला दर्ज करना अनुचित है।
कोर्ट ने महिला के पति के पक्ष में फैसला देते हुए सभी आरोपों पर रोक लगाने का आदेश दिया। न्यायमूर्ति नागप्रसन्न ने यह भी कहा कि इस प्रकार के मामूली कारणों को लेकर पुलिस स्टेशन का दरवाजा खटखटाना ठीक नहीं है।