नवरात्र में क्यों नहीं खाते प्याज लहसुन?, मिल गया वैज्ञानिक कारण

पढ़े पूरी खबर

Update: 2022-04-06 13:52 GMT

नई दिल्ली: नवरात्रि का आज पांचवा दिन है. 9 दिनों तक चलने वाले नवरात्रि के उपवास में फल, सब्जियां, कुट्टू आटा, साबूदाना और सेंधा नमक खाया जाता है, लेकिन इस दौरान 2 ऐसी चीज होती हैं, जिसका इस व्रत में खाने की सख्त मनाही है. यह प्याज और लहसुन है. क्या आप जानते हैं कि इसके पीछे क्या साइंस है. तो जानने की कोशिश करते हैं कि व्रत में ये दोनों चीजें क्यों नहीं खाई जाती है.

तीन आधार पर व्रत में खाई जाती हैं ये चीजें
'टाइम्स ऑफ इंडिया' की एक रिपोर्ट के अनुसार, आयुर्वेद में व्रत के दौरान कुछ खाद्य पदार्थों को उनकी प्रकृति और खाने के बाद शरीर में होने वाले असर के आधार पर 3 श्रेणी में विभाजित किया गया है. सबसे पहले राजसिक भोजन (Raajasic foods ) दूसरा तामसिक भोजन (Taamasic foods) और तीसरा सात्विक भोजन (Saatvik foods) है.
व्रत में फल-दही जैसी चीजें खाने का वैज्ञानिक कारण
बता दें कि नवरात्रि में व्रत के दौरान भक्त सात्विक भोजन करते हैं, लेकिन इसके पीछे धार्मिक पहलू के अलावा एक वैज्ञानिक कारण भी है. दरअसल, शरद नवरात्रि अक्टूबर-नवंबर के महीने में आते हैं, जो सर्दियों के मौसम में संक्रमण काल है. मौसमी बदलाव के कारण हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने लगती है. ऐसे में इस मौसम में सात्विक भोजन करने से आपके पाचन को कुछ आराम मिलता है और आपके शरीर की सभी अशुद्धियां साफ हो जाती हैं. सात्विक शब्द सत्व शब्द से बना है, जिसका अर्थ है शुद्ध, प्राकृतिक, ऊर्जावान. सात्विक खाद्य पदार्थों में ताजे फल, दही, सेंधा नमक, मौसमी सब्जियां और धनिया और काली मिर्च शामिल है.
जानें- व्रत में क्यों नहीं खाते हैं प्यार और लहसुन
प्याज और लहसुन को प्रकृति में तामसिक माना जाता है और कहा जाता है कि यह आपकी बॉडी में शारीरिक ऊर्जा का संचार करता है. इसके अलावा प्याज भी बॉडी में गर्मी पैदा करता है और इसलिए नवरात्रि के व्रत यह खाने की मनाही है. प्याज के साथ लहसुन को रजोगिनी के रूप में जाना जाता है, जिसका मतलब होता है एक ऐसा पदार्थ,जो अपनी प्रवृत्ति पर पकड़ खो सकता है. इससे आपकी इच्छाओं और प्राथमिकताओं के बीच अंतर करना मुश्किल हो जाता है.
Tags:    

Similar News